दिल्ली-मेरठ हाईवे पर यातायात व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह ध्वस्त हुई पड़ी है। बस अड्डे के आसपास अलग-अलग कारणों से हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। राहगीर व स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन अधिकारियों का इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं है। शुक्रवार को भी लोगों ने हाईवे पर भीषण जाम झेला। बस अड्डे के आसपास सवारी बैठाने के चक्कर में चालक आटो को सड़क पर बेतरतीबी से खड़ा कर देते हैं। अतिक्रमण को हटाने की भी अभी तक जरूरत नहीं समझी गई है। इसी के चलते हाईवे पर वाहनों की गति पर विराम लग जाता है। आबादी क्षेत्र में रैपिड रेल निर्माण कार्य शुरू होने के बाद हाईवे पर वाहनों को चलने के लिए पूरी दो लेन नहीं मिल रही हैं। शुक्रवार को भी इन सब कारणों से हाईवे पर बस अड्डे के आसपास जाम लगा रहा। गाजियाबाद से मेरठ की ओर लोगों को करीब डेढ किलोमीटर जबकि, मेरठ से गाजियाबाद की ओर लोगों को एक किलोमीटर की दूरी में जाम के झाम में फंसकर मुसीबत झेलनी पड़ी। जाम से राहगीरों के अलावा स्थानीय लोग भी परेशान हैं। खासतौर से हाईवे के किनारे पड़ने वाले प्रतिष्ठान व दुकानों का व्यवसाय भी जाम से प्रभावित होता है। हाईवे पर जाम की यह स्थिति तब बनी हुई है, जब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद अधिकांश ट्रैफिक उधर डायवर्ट हो गया है। हाईवे पर अब अधिकांश लोकल ट्रैफिक भी दिखता है। इस बारे में सीओ सुनील कुमार सिंह का कहना है कि जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। किसी भी स्थिति में लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।