स्वच्छ भारत मिशन के तहत जमीनी स्तर पर काम न होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में दरखास्त लगाई गई है। मुख्य नाले की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था करने की बजाए नगर पालिका परिषद लोनी द्वारा बहाने बनाए जा रहे हैं। ऐसे में नागरिकों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। आरोप है कि जल निगम के क्षेत्र में सफाई और खुदाई की अनुमति न होने की बात कर शिकायतों को अनसुना कर दिया गया है। पीएमओ से इस मामले में दखल देने की अपील की गई है। नगर पालिका परिषद लोनी के अंतर्गत वार्ड नंबर-17 एवं 21 आते हैं। दोनों वार्ड में सफाई व्यवस्था अच्छी नहीं है। वार्ड नंबर-21 से मुख्य नाला गुजरता है।
नाले में व्यापक गंदगी है। नागरिकों द्वारा बार-बार अनुरोध करने पर यदा-कदा कुछ सफाई कर्मचारी और आउटसोर्सिंग स्टाफ वहां आ भी जाता है, मगर वह काम करने में दिलचस्पी नहीं लेते। कर्मचारियों का तर्क होता है कि यह नाला जल निगम क्षेत्र से गुजरता है। इसकी सफाई के लिए अनुमति की जरूरत है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में इस संदर्भ में ऑनलाइन शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि काफी मिन्नतें करने के बाद वार्ड नंबर-17 और 21 में एकमात्र सरकारी नल लगाया गया था, मगर इसके पानी की निकासी का इंतजाम नहीं किया गया। नल से निकला पानी आस-पास भर जाने से आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं।
जल निकासी को पाइप लाइन बिछाई जानी है। चंदा जुटाकर नागरिक पाइप की व्यवस्था करने को भी तैयार हैं, मगर जल निगम की भूमि होने का दावा कर काम नहीं कराया जा रहा है। चेयरमैन भी इन समस्याओं के निदान में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। उधर, अधिशासी अधिकारी (ईओ) शालिनी गुप्ता का कहना है कि क्षेत्र में सफाई कार्य जारी है। संबंधित वार्डों में हाल ही में सफाई कराई गई है। यदि फिर भी कोई समस्या है तो उसका समाधान कराया जाएगा। सफाई का जिम्मा नगर पालिका पर है।