भारतीय धरोहर के वापस आने से देश का बढ़ रहा है गौरव

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात में आज उन्होंने भारत की सफलताओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और धरोहर को पिछले सात सालों में संजोने का काम किया गया है। साल 2013 तक करीब-करीब 13 प्रतिमाएं भारत आई थीं, लेकिन, पिछले सात साल में 200 से ज्यादा बहुमूल्य प्रतिमाओं को, भारत, सफलता के साथ वापस ला चुका है. अमेरिका, ब्रिटेन, हॉलैंड, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, सिंगापुर, ऐसे कितने ही देशों ने भारत की इस भावना को समझा है और मूर्तियां वापस लाने में हमारी मदद की है। आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रधानमंत्री के मन की बात को सुनने के अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सुनील यादव, प्रदेश मीडिया प्रमुख श्री नवीन कुमार जिंदल, प्रदेश भाजपा मुख्य प्रवक्ता श्री अभय वर्मा, प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष श्री भूपेंद्र गोठवाल सहित अन्य प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित थे।

भाजपा नेताओं ने अगले महीने से शुरू हो रहे भारतीय पर्व में स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर त्योहार को मनाने पर जोर दिया जिससे ’वोकल फ़ॉर लोकल’ को और विस्तार मिल सके। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पिछले कुछ सालों में विदेशों से अपनी संस्कृति और धरोहर के प्रतीक गायब हो चुकी मूर्तियों को वापस लाने में सफलता प्राप्त की है। यह हमारे लिए गर्व की बात है।प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रम में भारत के अनेकता में एकता की बात पर जोर देते हैं। भारतीय संगीत के जादू का ही असर है कि डेढ़ सौ से ज्यादा देशों के गायकों-संगीतकारों ने महात्मा गांधी का प्रिय भजन वैष्णव जन गाने का सफल प्रयोग किया है।