विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के अपने समकक्ष वांग यी से मुलाकात की

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को चीन के अपने समकक्ष वांग यी के साथ विस्तृत वार्ता की। जयशंकर ने वार्ता से पहले ट्वीट किया, ”हैदराबाद हाउस में चीन के विदेश मंत्री वांग यी का अभिवादन किया। हमारी चर्चा शीघ्र आरंभ होने वाली है।” वांग की यात्रा पर भारत की ओर से यह पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। पूर्वी लद्दाख में लगभग दो साल पहले शुरू हुए सैन्य गतिरोध के चलते दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद चीन की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। चीन के विदेश मंत्री बृहस्पतिवार शाम दिल्ली पहुंचे।

 

बता दें कि चीनी विदेश मंत्री गुरुवार रात दिल्ली पहुंचे थे। भारत के बाद चीनी विदेश मंत्री नेपाल का दौरा करने वाले हैं। शुक्रवार दोपहर वांग यी नेपाल के लिए रवाना होंगे। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी दोपहर तीन बजे काठमांडू पहुंचेंगे। उनके बांग्लादेश जाने की भी संभावना है। भारत दौरे से पहले वांग यी ने पाकिस्तान में इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) की बैठक में हिस्सा लिया था। वांग यी ने कश्मीर पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। वांग यी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर हमने एक बार फिर कई इस्लामी देशों की बात सुनी। इसको लेकर चीन की भी ये इच्छा है।

 

वांग यी के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी नाराजगी जताई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने वांग यी के जम्मू-कश्मीर पर दिए बयान को गैर-जरूरी बताते हुए इसे खारिज कर दिया था। बागची ने कहा कि चीन समेत किसी भी देश को कश्‍मीर मसले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। हम पाकिस्तान में ओआईसी परिषद के उद्घाटन समारोह में भाषण के दौरान कश्‍मीर मसले पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत के लिए अनावश्यक संदर्भ को अस्वीकार करते हैं। जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मसला है। बागची ने यह भी कहा कि चीनी विदेश मंत्री को ध्यान देना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मसलों पर सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करता है।