भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हाल में हुए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) से रत्न और आभूषण उद्योग को वित्त वर्ष 2022-23 में 52 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने यह बात कही।
जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने एक बयान में कहा, ‘यूएई के साथ सीईपीए समझौते से रत्न और आभूषण के निर्यात को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।’ न्होंने कहा, ‘इस समझौते के साथ हम वित्त वर्ष 2022-23 में 52 अरब डॉलर के रत्न और आभूषण निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त है।’
शाह ने हाल में समाप्त हुए चार दिवसीय ‘इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो (आईआईजेएस) सिग्नेचर 2022’ के बारे में कहा कि इस कार्यक्रम में कुल मिलाकर 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। उन्होंने कहा, ‘हमने आईआईजेएस सिग्नेचर 2022 को केवल तीन सप्ताह के रिकॉर्ड समय में शुरू किया। पिछले साल सितंबर से हीरे की कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि ने खरीदारों को असमंजस में डाल दिया था। हालांकि, आईआईजेएस सिग्नेचर इन खरीदारों के लिए जांच-परख की जगह बन गया।’