रविवार दिल्ली नेटवर्क
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना स्वामी प्रणवानंद ने की थी। इस संस्था की स्थापना वैदिक हिन्दू धर्म की रक्षा एवं मानवमात्र की सेवा के लिए की गई थी और यह संस्था आज भी अपने उद्देश्यों पर चलते हुए वैदिक हिन्दू धर्म की रक्षा एवं सेवा के पथ पर अग्रसर है। पूरा विश्वास है कि संस्था के वर्तमान पदाधिकारी आने वाली पीढ़ी में भी स्वामी प्रणवानंद के सेवाभाव एवं शिक्षा का प्रचार-प्रसार करेंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार की शाम भारत सेवाश्रम संघ दाउदपुर में वासंतिक नवरात्र पूजा समारोह के तहत स्थापित मां भगवती की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संस्था का गोरखनाथ मंदिर से बहुत पुराना जुड़ाव है। संस्था के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद का जन्म पूर्वी बंगाल में हुआ था। केवल 12 वर्ष की अवस्था में उन्होंने गोरखपुर में योगिराज बाबा गंभीरनाथ से योग की दीक्षा ली थी। उसके समाज को योग की शिक्षा देने में जुट गए। पूर्वोत्तर राज्यों एवं पश्चिम बंगाल में इस संस्था के कई सराहनीय कार्य हैं। वैदिक हिन्दू धर्म की स्थापना के लिए इनके द्वारा किए जाने वाले सार्थक कार्यों का वहां दृष्टांत मिलता है। हर बड़े तीर्थ स्थान, प्रमुख धर्मस्थल पर भारत सेवाश्रम संघ का आश्रम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन वर्ष बाद उन्हें यहां आने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंंने कहा कि इससे पहले वह एवं उनके गुरुदेव नियमित रूप से यहां आते रहे हैं। सन 2012 में भारत सेवाश्रम के संत पूरे देश से गोरखपुर आए थे और अपने गुरु स्वामी प्रणवानंद के सम्मान में भव्य आयोजन किया था। इन्हीं संतों के मार्गदर्शन में समाज सकारात्मक दिशा में जा रहा है। उन्होंंने कहा कि आज चैत्र नवरात्र की महाष्टमी तिथि पर एक बार फिर इस कार्यक्रम से जुड़ने का अवसर मिला है। इस संस्था के पदाधिकारी केवल कर्मकांड ही नहीं बल्कि उसके व्यावहारिक स्वरूप पर भी विश्वास करते हैं।
इससे पहले भारत सेवाश्रम संघ भवन परिसर में मुख्यमंत्री के पहुंचते ही महिलाओं ने शंख ध्वनि के बीच फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। परिसर में स्थित मंदिर में पहुंचकर मुख्यमंत्री ने स्वामी प्रणवानंद को नमन किया और मंत्रोच्चार के बीच मां भगवती की पूजा-अर्चना एवं आरती की। भारत सेवाश्रम संघ परिवार की ओर से गोरखपुर शाखा प्रभारी स्वामी नि:श्रेयासानंद, कुरुक्षेत्र शाखा प्रभारी स्वामी तारानंद, अचिंत्य लाहिड़ी ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। आनंद मुखर्जी ने मुख्यमंत्री के सम्मान में सम्मान पत्र का वाचन किया। स्वामी नि:श्रेयसानंद ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार जताया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ‘श्रीश्री गुरु भजन’ पुस्तिका का विमोचन किया।
*स्थापित होगी बलिदानी शचींद्रनाथ सान्याल की प्रतिमा, बनेगा सभागार*
कार्यक्रम के दौरान भारत सेवाश्रम संघ गोरखपुर शाखा के प्रभारी स्वामी नि:श्रेयसानंद ने बलिदानी शचींद्रनाथ सान्याल के गोरखपुर से जुड़ाव की चर्चा करते हुए आश्रम परिसर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने के बारे में बताया। कार्यक्रम के बाद निकलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अचानक प्रतिमा के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने की इच्छा जताई। स्थल का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने शचींद्रनाथ सान्याल की आदमकद प्रतिमा व एक सभागार के लिए प्रस्ताव बनाकर जल्द भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने प्रतिमा स्थापित कराने एवं सभागार बनवाने का आश्वासन दिया।