उत्तराखंड में 3000 से ज्यादा यात्री फंसे हुए हैं, राहत कार्य जारी

देहरादून। उत्तराखंड के सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक नौ जगहों पर यातायात बाधित है और करीब 2000 यात्री अभी भी फंसे हुए हैं एसडीआरएफ एनडीआरफ और प्रशासन सभी को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। 2013 के बाद से यह सबसे बड़ी जल प्रलय है जब इस तरीके से नौ जगहों पर पूरी-पूरी सड़क बह गई है या टूट गई है एसडीआरएफ एनडीआरएफ पहाड़ों और जंगलों के बीच से पगडंडिया बनाते हुए यात्रियों को राशन और मानव जैन के सहारे सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं प्रशासन ने दवाएं पीने का पानी और खाने पीने की सामग्री जगह-जगह पर यात्रियों के लिए उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी है क्योंकि बादल फटने से और चट्टानों के सरकने से पहाड़ों के धड़कने से त्रासदी इतनी बड़ी हुई है अभी यह नहीं बताया जा सकता की कुल कितने लोग हताहत हैं कितने लापता हैं और आर्थिक रूप से कितना नुकसान हुआ है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत राहत के लिए 316 करोड़ की धनराशि फौरन जारी कर दी है मुख्यमंत्री स्वयं एरियल सर्वे के साथ-साथ कई स्थानों पर स्वयं पहुंच कर मामले को देख रहे हैं और सभी डीएम एसडीएम समेत पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को मौके पर रहने के निर्देश दिए गए हैं

दिक्कत एक ही बात की है अभी भी मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 48 घंटे मौसम के लिहाज से भारी हैं इसीलिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ चिनूक हेलीकॉप्टर से लगातार यात्रियों को जितना जल्दी हो सकता है सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए सुरक्षा बलों ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है।