एआई होगी नई सुरक्षा ढाल: कंपनियाँ अपनाएंगी स्मार्ट टेक्नोलॉजी

मुंबई (अनिल बेदाग) : “भविष्य की सुरक्षा बंदूक से नहीं, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस से होगी।” भारत की 67% कंपनियाँ अगले दो वर्षों में एआई -संचालित सुरक्षा समाधान अपनाने की तैयारी में हैं। एआई आधारित घुसपैठ पहचान, स्मार्ट निगरानी और स्वचालित प्रतिक्रिया सिस्टम का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते साइबर और आंतरिक खतरों को देखते हुए यह तकनीकी निवेश अब अनिवार्य हो गया है।

71% सुरक्षा प्रमुखों का कहना है कि पिछले दो वर्षों में सीईओ के खिलाफ हिंसा का जोखिम बढ़ा है। वहीं, 97% भारतीय कंपनियाँ गलत या भ्रामक सूचनाओं के निशाने पर रहीं – जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है। यह गलत सूचना अक्सर बड़ी हद तक हिंसा और धमकी के लिए प्रेरित करती है।

वैश्विक निवेशकों के मुताबिक, शीर्ष अधिकारियों के फैसले कंपनी की वैल्यू का 30% या उससे अधिक निर्धारित करते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा में निवेश ज़रूरी है। बढ़ते खतरों से निपटने के लिए 67% कंपनियाँ अगले दो वर्षों में एआई संचालित सुरक्षा समाधानों, जैसे घुसपैठ पहचान और स्मार्ट निगरानी पर ध्यान दे रही हैं।

जी4एस के अनुसार, यह परिदृश्य बताता है कि आधुनिक कॉर्पोरेट दुनिया में सुरक्षा तकनीक अब महज़ विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है।