भारत में चार दशकों बाद हो रहा है इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी का सत्र
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की अगली बैठक मुंबई के ‘जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर’ में होगी। 2023 में होने वाली इस वार्षिक बैठक की मेजबानी को लेकर हुए मतदान में भारत को वैद्य 76 मतों में से 75 वोट मिले। भारी बहुमत से मेजबानी का अधिकार जीतने के बाद आईओसी की सदस्या और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए नीता अंबानी ने आईओसी की आगामी बैठक भारत में करने की दमदार पैरवी की। उन्होंने आईओसी सदस्यों को बताया कि “भविष्य में युवा ओलंपिक और ओलंपिक खेलों को भारत लाना हमारा सपना है। हम चाहते हैं कि दुनिया के सबसे युवा देश, भारत के नौजवान ओलंपिक की भव्यता और विशालता को महसूस करें। हम इस साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं“
आईओसी की वार्षिक बैठक की मेजबानी मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए नीता अंबानी ने कहा कि “ओलंपिक मूवमेंट 40 साल के इंतजार के बाद भारत वापस आ रहा है! मैं 2023 में मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी करने का सम्मान भारत को सौंपने के लिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की आभारी हूं। यह भारतीय खेलों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा।” नीता अंबानी ने ओलंपिक सत्र 2023 के अवसर पर वंचित समुदायों के युवाओं के लिए विशिष्ट खेल विकास कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में नीता अंबानी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष डॉ नरिंदर बत्रा, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और निशानेबाजी में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा शामिल थे। बीजिंग में चल रही आईओसी की वार्षिक सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वर्चुअली जुड़कर आगामी बैठक की मेजबानी के लिए भारत का पक्ष रखा।भारत में चार दशकों बाद इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के सत्र का आयोजन होगा। पिछला आयोजन 1983 में हुआ था। सत्र में आईओसी के सदस्य ओलंपिक चार्टर और ओलंपिक के मेजबान शहर के चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ नरिंदर बत्रा ने एक बयान में कहा “मैं श्रीमती नीता अंबानी को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए और अपने सभी आईओसी सहयोगियों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। अगले साल मुंबई में आपका इंतजार रहेगा। यह भारत के खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत है। हम चाहते हैं कि ओलंपिक मूवमेंट हमारी अगली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाए। 2023 में मुंबई को यादगार आईओसी सत्र की मेजबानी देना, भारत की नई खेल क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में पहला कदम होगा।“