भारत की जू. हॉकी टीम को सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया की मैन टू मैन मार्किंग से चौकस रहना होगा

  • भारत जू. टीम को अपनी ताकत आक्रामक हॉकी पर यकीन करना होगा
  • भारत की जू.टीम की रक्षापंक्ति को दिखानी होगी मुस्तैदी
  • कप्तान उत्तम बोले, निगाहें सेमीफाइनल में भी बढिय़ा प्रदर्शन पर

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : तेज तर्रार स्ट्राइकर उत्तम सिंह की अगुआई में मौजूदा और तीन बार के चैंपियन भारत ने थाईलैंड को अपने अंतिम पूल मैच में थाईलैंड को 17-0 से हराकर तीन जीत और पाकिस्तान के खिलाफ मैच एक-एक से ड्रॉ खेल पूल ए में शीर्ष पर रहकर सलालाह (ओमान) में जूनियर पुरुष एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में बुधवार को दक्षिण कोरिया से भिडऩे का अधिकार पाया। भारत की जूनियर टीम ने इस जीत के साथ इस साल के आखिर में मलयेशिया में 5 से 16 दिसंबर तक होने वाले एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में खेलने का हक हासिल कर दिया। दक्षिण कोरिया ने पूल बी में मलयेशिया के बाद दूसरे स्थान पर रह उसके साथ सेमीफाइनल के लिए क्वॉलिफाई किया। भारत ने अपना अभियान चीनी ताइपे को 18-0उसे हरा कर शुरू करने के बाद अगले मैच में पसीना बहा कर जापान को 3-1 से हराया। पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने शारदा नंद तिवारी के गोल से शुरू में हासिल बढ़त को गंवा या और उसे यह मैच एक-एक से ड्रॉ खेलने पर मजबूर होना पड़ा। भारत ने पूल का समापन थाईलैंड पर 17-0 से बड़ी जीत के साथ किया और तीन जीत एक और एक ड्रॉ के साथ पूल चरण का समापन चार मैचों में तीन जीत और एक ड्रॉ और कुल दस अंकों के साथ किया। तीन बार चैंपियन रह चुके पाकिस्तान के भी चार मैचों से दस अंक रहे लेकिन अपने कमतर गोल अंतर के कारण वह पूल ए में दूसरे स्थान पर रहा,

भारत के पास अपना खिताब बरकरार रख कर पाकिस्तान को खिताब जीतने में पीछे छोडऩा है तो खासतौर पर सबसे ज्यादा छह गोल गोल करने वाले स्ट्राइकर अरिजित हंदल, कप्तान पांच पांच गोल करने वाले कप्तान उत्तम सिंह और अंगद बीर सिंह तथा चार गोल करने वाले अमनदीप जैसे स्ट्राइकराृं को दक्षिण कोरिया की मैन टू मैन मार्किंग से चौकस रहना होगा। भारत चूंकि जूनियर एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉॅलिफाई कर चुका है और उसके अपनी आक्रामक हॉकी पर ही यकीन करना होगा। भारत के स्ट्राइकरों को दक्षिण कोरिया की मैन टू मैन मार्किंग को तोडऩे की रणनीति को तोडऩे के लिए परस्पर स्थान अदल बदल कर खेलना होगा। पाकिस्तान के इस जूनियर एशिया कप के लिए के लिए उसके डच कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने अपनी टीम को भारत के स्ट्राइकर की मैन टू मैन मार्किंग कर बढ़त लेने के बावजूद मैच एक-एक से ड्रॉ खेलने पर मजबूर दिया था। ऐसे में खुद कप्तान उत्तम सिंह को अनुभवी लिंकमैन विष्णुकांत सिंह के साथ कुछ पीछे खुद स्कीमर के रूप में खेल कर आगे अरिजित, अंगद और उपकप्तान बॉबी सिंह धामी के लिए आगे गेंद बढ़ाना ज्यादा कारगर होगा। भारत की रक्षापंक्ति में खासतौर पर शारदा नंद तिवारी को बहुत मुस्तैदी दिखा कर कोशिश करनी होगी कि दक्षिण कोरिया पेनल्टी कॉर्नर न हासिल कर सके। दक्षिण कोरिया की ताकत ही उसके लिए सबसे ज्यादा पांच गोल करने वाले ड्रैग फ्लिकर दूहयुन लिम है।

भारत की जूनियर टीम के कप्तान उत्तम सिंह ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल की पूर्व संध्या पर वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमने जूनियर पुरुष हाकी एशिया कप से एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉॅलिफाई करने के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। हम एशिया की शीर्ष टीमों में से एक हैं और इसीलिए हमारे लिए जूनियर एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी था। हमने अब तक जूनियर एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन किया है और अब हमारी निगाहें इसमें दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भी बढिय़ा प्रदर्शन करने पर लगी हैं।जब हमने शिविर में जूनियर एशिया कप के लिए तैयारी कर रहे थे तब हमें यह मालूम नहीं था कि इसमें किस चरण में हमारा मुकाबला किस टीम से होगा। हमने हमेशा ही इसीलिए अपनी योजनाएं और लक्ष्य जेहन में रखे और इस पर प्रतिद्वंद्वी टीमों के खिलाफ काबिल रख अपना सर्वश्रेष्ठï करने की कोशिश की।जहां तक सेमीफाइनल में खेलने के दबाव की बात है तो हमने बीते बरस सुलतान ऑफ जोहोर कप में दमदार प्रदर्शन किया था और मजबूत टीमों को कड़ी टक्कर दी थी। तब हमने मजबूत ऑस्ट्रेलिया को हरा कर सुलतान ऑफ जोहोर कप जीता था। हम अपनी खिताबी जीत के अनुभव के साथ यहां जूनियर एशिया कप में खेलने आए और इसका हमे आने वाले मैचोऋ में लाभ मिलेगा।’

भारत की जूनियर टीम के चीफ कोच सीआर कुमार ने मौजूदा जूनियर एशिया कप में अपनी टीम के प्रदर्शन की बाबत कहा, ‘हमने अपनी टीम पर हमेशा भरोसा किया है। हमने बेंगलुरू में हॉकी इंडिया और साई के सहयोग से लंबे शिविर में बढिय़ा ढंग से तैयारी की। दक्षिण कोरिया के खिलाफ हमें अच्छे संघर्षपूर्ण मुकाबले की उम्मीद है। हमारी टीम ने अब तक जूनियर एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन किया था और हमारे खिलाड़ी योजना पर काबिज रहे। अब हम इसी तरह की लय को आगे के मैचों में जारी रखने को बेताब हैं। सेमीफाइनल से पहले संघर्षपूर्ण मैच हमेशा बढिय़ा रहते हैं। हमने अब तक अपने मैचों का लुत्फ उठाया है और अपनी क्षमता को साबित किया।’

वहीं दक्षिण कोरिया ने बढिय़ा फॉर्म की बानगी दिखाई और उसन उज्बेकिस्तान को 6-1से मेजबान ओमान को 8-1 से हराया और मलयेशिया से 1-3 से हारा। दक्षिण कोरिया ने अपने अंतिम पूल मैच में बांग्लादेश को 3-1से हरा कर पूल बी में दूसरे स्थान पर रह कर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। भारत की जूनियर टीम जब दक्षिण कोरिया से अंतिम बाी 2013 के जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में भिड़ी तो तब मुकाबला तीन-तीन गोल से ड्रॉ रहा था। ये दोनों टीमें 2005 से अब तक पांच बार भिड़ी और दो-दो बार जीती और एक बार मैच बराबरी पर समाप्त हुआ।
भारत वि. दक्षिण कोरिया (सेमीफाइनल , रात 8 बजे से, भारतीय समयानुसार)