प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने गुरुवार पहली अगस्त को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और विस्तारित करने के लिए व्यापक चर्चा की। वियतनाम के प्रधानमंत्री चिन्ह 3 दिवसीय यात्रा पर मंगलवार रात दिल्ली पहुंचे थे। उनकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक संबंधों को और विस्तारित करना है। पीएम मोदी और फाम मिन्ह चिन्ह ने वियतनाम के ‘नया-चांग’ में टेली-कम्युनिकेशंस यूनिवर्सिटी में आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि बुद्ध धर्म हमारी साझा विरासत है, जिसने दोनों देशों के लोगों को आध्यात्मिक स्तर पर एक दूसरे से जोड़ा है। हम भारत में बौद्ध सर्किट में वियतनाम के लोगों को आमंत्रित करते हैं और चाहते हैं कि नालंदा विश्व-विद्यालय का लाभ वियतनाम के युवा भी उठाएं। हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हमारे इंडो-पैसिफिक विज़न में वियतनाम हमारा महत्वपूर्ण पार्टनर है। इंडो-पैसिफिक के बारे में हम दोनों के विचारों में अच्छा सामंजस्य है। हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद का समर्थन करते हैं। हम स्वतंत्र, नियम-आधारित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए अपने सहयोग को जारी रखेंगे।
द्विपक्षीय व्यापार में 85% से अधिक बढ़ोतरी
हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह चिन्ह की मौजूदगी में भारत और वियतनाम के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह चिन्ह और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूं। सबसे पहले मैं वहां के जनरल सचिव के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। वे भारत के अच्छे मित्र थे। पिछले एक दशक में हमारे संबंधों में विस्तार और इनमें गहराई भी आई है। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया है। हमारे द्विपक्षीय व्यापार में 85% से अधिक बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि एनर्जी, टेक्नॉलॉजी, एवं विकास साझेदारी में आपसी सहयोग में विस्तार हुआ है। रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्रों में आपसी सहयोग को नयी गति मिली है। पिछले एक दशक में, कनेक्टिविटी बढ़ी है और आज हमारे बीच 50 से ज्यादा डायरेक्ट उड़ानें हैं। इसके साथ-साथ पर्यटन में लगातार वृद्धि हो रही है, और लोगों को ई-वीज़ा की सुविधा भी दी गयी है। ‘मी सोन’ में प्राचीन मंदिरों के पुनरूद्धार का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “पिछले दशक की उपलब्धियों को देखते हुए आज की हमारी चर्चा में हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक रूप से चर्चा की और भविष्य की रूपरेखा तैयार करने की ओर कई कदम उठाए। हम मानते हैं कि विकसित भारत 2047 और वियतनाम के विजन 2045 के कारण दोनों देशों में विकास ने गति पकड़ी है। इससे आपसी सहयोग के बहुत से नए क्षेत्र खुल रहे हैं इसलिए अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूती देने के लिए आज हमने एक नया कार्रवाई की योजना अपनाया है। डिफेन्स और सिक्योरिटी के क्षेत्र में सहयोग के लिए नए कदम उठाये हैं। ‘‘नया-चांग’ में बने आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का आज उद्घाटन किया गया। 30 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन पर बनी सहमति से वियतनाम की मेरीटाइम सिक्योरिटी सशक्त होगी। हमने यह भी तय किया है कि आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के विषयों पर सहयोग को बल दिया जाएगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम इस बात पर सहमत हैं, कि आपसी व्यापार के पोटेंशियल को प्राप्त करने के लिए, आसियान-इंडिया ट्रेड इन गुड्स एग्रीमेंट की समीक्षा जल्द से जल्द संपन्न की जाये। डिजिटल पेमेंट कनेक्टिविटी के लिए हमारे सेंट्रल बैंकों के बीच सहमति बन गयी है। हमने निर्णय लिया है, कि ग्रीन इकॉनमी और न्यू इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। ऊर्जा और पोर्ट डेवलपमेंट में एक दूसरे की क्षमताओं को पारस्परिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। दोनों देशों के प्राइवेट सेक्टर, छोटे और मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप को भी आपस में जोड़ने की दिशा में काम किया जायेगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कृषि और मत्स्य पालन, दोनों देशों की अर्थव्यवस्था का अहम भाग हैं। ये सेक्टर्स लोगों की आजीविका और फूड सिक्योरिटी खाद्य सुरक्षा से जुड़े हैं। हमने तय किया है, कि इन क्षेत्रों में जर्मप्लास्म एक्सचेंज और सयुंक्त रिसर्च को बढ़ावा दिया जायेगा। हमारी साझा संस्कृति धरोहर के संरक्षण के लिए, भारत विश्व विरासत स्थल “मी सोन” के “ब्लॉक एफ” के मंदिरों के संरक्षण में सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि बुद्ध धर्म हमारी साझा विरासत है, जिसने दोनों देशों के लोगों को आध्यात्मिक स्तर पर एक दूसरे से जोड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में बौद्ध सर्किट में वियतनाम के लोगों को आमंत्रित किया उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि नालंदा विश्व-विद्यालय का लाभ वियतनाम के युवा भी उठाएं। हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हमारे इंडो-पैसिफिक विज़न में वियतनाम हमारा महत्वपूर्ण पार्टनर है। इंडो-पैसिफिक के बारे में हम दोनों के विचारों में अच्छा सामंजस्य है। हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद का समर्थन करते हैं। हम स्वतंत्र, नियम-आधारित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए अपने सहयोग को जारी रखेंगे।
इससे पहले आज वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि एक मूल्यवान साझेदार का भव्य स्वागत। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह का स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह 30 जुलाई से पहली अगस्त तक भारत की राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली में थे। प्रधानमंत्री चिन्ह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिले। फोटो क्रेडिट-सुनील सक्सेना