उच्चतम न्यायालय ने यूनिटेक के पूर्व प्रोमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को अपनी नानी की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए शर्तों के साथ शुक्रवार को अनुमति दे दी। धनशोधन के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद प्रीति को एक दिन के लिए पूर्वाह्न 10 बजे और अपराह्न तीन बजे के बीच जेल से छोड़ने की अनुमति प्रदान की गई है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने प्रीति से अपना डोमिनिकन गणराज्य का पासपोर्ट तथा उनके पास उपलब्ध कोई भी अन्य पासपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपने को कहा है। पीठ ने आदेश दिया कि प्रीति को सेलफोन का इस्तेमाल करने या किसी दस्तावेज को देखने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें अंत्येष्टि स्थल तक दिल्ली पुलिस के चार कर्मी और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी लेकर जाएंगे।
ईडी ने प्रीति को यह राहत दिए जाने का विरोध किया था और कहा था कि आरोपी के पास डोमिनिकन गणराज्य की नागरिकता है जिसके साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। ईडी ने कहा था कि आरोपी को देश छोड़कर जाने की अनुमति देकर एजेंसी अपने “हाथ नहीं जलाना चाहती।” एजेंसी की ओर से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि प्रीति चंद्रा यूनिटेक की कई मुखौटा कंपनियों की निदेशक हैं और यूएई से संचालित धनशोधन की साजिश में उनका अहम किरदार था। प्रीति चंद्रा ने दावा किया था कि उनकी नानी का 14 मार्च को निधन हो गया और उन्हें अंत्येष्टि में शामिल होना है।