भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने भेदिया कारोबार मामले में जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड की दस इकाइयों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा दिया है।
बाजार नियामक सेबी ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के शेयर में कथित भेदिया करोबार मामले में इन सभी व्यक्तियों समेत इकाइयों पर प्रतिबंध लगाया था।
सेबी के अनुसार इन व्यक्तियों और इकाइयों पर पिछले वित्त वर्ष में जून, 2020 को समाप्त तिमाही के नतीजों से जुड़ी अप्रकाशित संवेदनशील सूचना अपने पास रखते हुए जी एंटरटेनमेंट के शेयर में कारोबार करने का आरोप था।
सेबी के 20 अगस्त, 2021 को जारी अंतरिम आदेश के अनुसार इस तरह से उन सबने कथित तौर पर बाजार के नियमों का उल्लघंन किया था। इसके बाद नियामक ने अगले निर्देश तक जी एंटरटेनमेंट की 15 इकाइयों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
बाजार नियामक ने इसके अलावा गलत तरह से कमाए गए 23.84 करोड़ रुपये के लाभ को भी जब्त करने का निर्देश दिया था।
ये 15 इकाइयां थी.. बिजल शाह, गोपाल रितोलिया, जतिन चावला, अमित भंवरलाल जाजू, मनीष कुमार जाजू, गोमती देवी रितोलिया, दलजीत गुरुचरण चावला, मोनिका लखोटिया, पुष्पादेवी जाजू, भवरलाल रामनिवास जाजू, भवरलाल जाजू (हिंदु अविभाजित परिवार -एचयूएफ), रितेश कुमार, कमल किशोर, सक्सेसश्योर पार्टनर और यश अनिल जाजू विमला सोमानी।
उस दौरान बिजल शाह जी एंटरटेनमेंट में वित्तीय योजना और विश्लेषण, रणनीति और निवेशक मामलों के प्रमुख थे।
सेबी के इस आदेश के बाद जी एंटरटेनमेंट के पांच व्यक्तियों ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया था।
इसके बाद न्यायाधिकरण ने अपीलकर्ताओं को प्रतिभूति बाजार में काम करने से रोकने वाले अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया था। इस आदेश के बाद अन्य 10 इकाइयों ने भी उन पर लगाए गए प्रतिबंधों से इसी तरह की राहत देने का आग्रह किया था।
सेबी ने कहा कि उसने नवंबर 2021 में पारित न्यायाधिकरण के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। इसलिए दस इकाइयों का प्रतिबंध हटाने का मामला न्यायालय के समक्ष दायर अपील के निर्णय पर निर्भर है।
नियामक ने कहा कि ब्याज मिलने वाले ‘एस्क्रो खाते’ में जमा की गई धनराशि अगले आदेश तक खाते में ही रहेगी।