
टीएमयू अस्पताल की जनरल सर्जरी यूनिट ने लगभग 5 घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन में बाएं गुर्दे से निकाला 36 सेमी लंबा, 30 सेमी चौड़ा और 15 सेमी मोटा ट्यूमर
रविवार दिल्ली नेटवर्क
टीएमयू हॉस्पिटल ने एक असाधारण सफलता हासिल की है। अस्पताल के डॉक्टरों ने 19 वर्षीय युवती के पेट से 11 किलोग्राम वजनी विशाल ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल कर न सिर्फ उसकी जान बचाई, बल्कि किडनी को भी सुरक्षित रखा। यह केस दुर्लभतम मामलों में है। अमरोहा निवासी 19 वर्षीया युवती चार वर्षों से पेट दर्द की शिकायत से जूझ रही थी। तीन महीनों में उसकी समस्या तेजी से बढ़ गई थी। पेट में असामान्य सूजन, भूख कम लगना और अत्यधिक दर्द ने युवती को काफी कमजोर कर दिया था। इस केस का नेतृत्व जनरल सर्जरी के हेड मेजर जनरल डॉ. सी. के. जखमोला ने किया। जांच के दौरान सामने आया कि युवती के पेट में जो सूजन है, वह एक विशाल ट्यूमर है, जो सीधे बाएं गुर्दे से निकल रहा है। इसका आकार 36 सेमी लंबा, 30 सेमी चौड़ा और 15 सेमी मोटा था, जो पूरे पेट में फैल चुका था। ट्यूमर ने दोनों फ्लैंक्स- पेट के दोनों ओर, मेजर रक्त ग्रंथियों और आईवीसी- शरीर की मुख्य नस पर गंभीर दबाव डाल रखा था। इससे शरीर के अन्य अंगों के कार्य में भी बाधा आ रही थी। टीएमयू अस्पताल की जनरल सर्जरी यूनिट ने लगभग 5 घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन को बड़ी ही सावधानी और कुशलता से अंजाम दिया। सर्जरी के दौरान प्रत्येक नस और रक्त वाहिनी को संभालते हुए ट्यूमर को अलग किया गया। इस प्रकार के अधिकतर मामलों में गुर्दे को निकालना पड़ता है, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने अत्यंत सावधानी से ट्यूमर को निकाला और बाएं गुर्दे को पूरी तरह सुरक्षित रखा। यह सर्जरी मेडिकल इतिहास में गिने-चुने मामलों में से एक है।
अमरोहा निवासी मरीज के पिता शकील अहमद ने बताया, हमने बेटी का इलाज दिल्ली और मेरठ तक कराया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। जब हमें टीएमयू अस्पताल के बारे में जानकारी मिली तो यहां आए। डॉक्टरों ने बहुत मेहनत से ऑपरेशन किया और अब हमारी बेटी बिल्कुल स्वस्थ है। हम डॉक्टरों और पूरी टीम के दिल से आभारी हैं। टीएमयू अस्पताल ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि अनुभवी डॉक्टरों, आधुनिक तकनीक और समर्पित टीम के दम पर हर असंभव कार्य को संभव बनाया जा सकता है। यह केस मेडिकल साइंस के लिए एक प्रेरणास्रोत रहेगा। जनरल सर्जरी के हेड डॉ. सी. के. जखमोला बताते हैं, एमआरआई व अन्य जांचों में यह स्पष्ट हुआ कि ट्यूमर बाएं गुर्दे से उत्पन्न हो रहा था और खून की बड़ी नलियों को भी दबा रहा था। यह अत्यंत जटिल केस था, लेकिन हमने ट्यूमर को पूरी तरह हटाया और गुर्दा भी सुरक्षित रखा। पूरी दुनिया में ऐसे सिर्फ चार केस रिपोर्ट हुए हैं, जिनमें इतना बड़ा ट्यूमर निकाला गया हो, पर सभी में किडनी हटानी पड़ी। हमने यह सफलता बिना किडनी निकाले हासिल की। युवती अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। डॉक्टरों के मुताबिक वह सामान्य जीवन जी सकती है। इस सर्जरी में जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. आरके कौल, डॉ. अंकुर सिंह, डॉ. देव सैनी ने भी मुख्य भूमिका निभाई। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. मनप्रीत कौर, डॉ. अस्था लालवानी, डॉ. शिवानी चंदक, यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के अवनीश कुमार सिंह सीनियर एवं जूनियर रेजीडेंट आदि भी मौजूद रहे।