रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने मंगलवार (9 जुलाई) को जानकारी दी कि वह अपने 14 उत्पादों की बिक्री बंद कर देगी। इन 14 उत्पादों का लाइसेंस उत्तराखंड सरकार ने 30 अप्रैल 2024 से रद्द कर दिया था। ये लाइसेंस ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत रद्द कर दिए गए थे। लाइसेंस रद्द करने के बाद पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के कुल 14 उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। साथ ही, पतंजलि ने देश भर के 5606 फ्रेंचाइजी स्टोर्स में इन 14 उत्पादों की बिक्री बंद कर दी। कंपनी ने मीडिया प्लेटफॉर्मों से इन उत्पादों के विज्ञापन सभी प्रारूपों से हटाने को भी कहा।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद को 2 हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही इस पर अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस संबंध में याचिका दायर की थी। इसमें पतंजलि पर कोरोना टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है। उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने अदालत को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के साथ-साथ दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को ‘तत्काल प्रभाव से निलंबित’ कर दिया गया है।
यहां पंतजलि की 14 प्रतिबंधित आयुर्वेदिक औषधियां हैं
- स्वासारि गोल्ड
- स्वसारि वटी
- ब्रोंकोम
- स्वसारि प्रवाहहिं
- स्वसारि अवलेह
- मुक्तावती अतिरिक्त शक्ति
- लिपिडोम
- बीपी ग्रिट
- मधुघृत
- मधुनाशिनीवटी अतिरिक्त शक्ति
- लिवामृत एडवांस
- लिवोग्रिट
- आईग्रिट गोल्ड (आईग्रिट गोल्ड)
- पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप
बैन के बाद भी बिक रही हैं ये 14 दवाएं?
एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन से पता चला है कि कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित 14 पतंजलि दवाएं अभी भी कुछ इलाकों में बेची जा रही हैं। नई दिल्ली में पतंजलि के एक दुकानदार से जब पूछा गया तो पता चला कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि इन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। तो उस इलाके में ये ड्रग्स बेची जा रही थी। उनके दुकानदार के पास 14 प्रतिबंधित उत्पादों में से 7 का स्टॉक था। देशभर में कई पतंजलि दुकानों में भी यही स्थिति होने की बात कही गई थी।