15 अगस्त: स्वदेशी अपनाएँ, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करें

15 August: Adopt Swadeshi, boycott foreign goods

जगजीत सिंह जगत

आज हम अपना 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं — वह दिन जब हमारे देश ने वर्षों की गुलामी के बाद आज़ादी पाई थी। यह दिन केवल तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने का नहीं, बल्कि उस बलिदान और संकल्प को याद करने का भी है, जिसने हमें यह आज़ादी दिलाई।

स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी अमर शहीदों को कोटि-कोटि नमन एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

अब समय है कि हम इस आज़ादी को और मजबूत करें — विदेशी वस्तुओं के प्रभाव से मुक्त होकर, स्वदेशी अपनाकर। हम विदेशी सामान का बहिष्कार करेंगे और स्वदेशी को अपनाएँगे।

विदेशी चीज़ें हमारे जीवन पर हावी न हों, जैसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश के हित में भारत पर 50% तक आयात-निर्यात शुल्क लगाया, वैसे ही हमें भी अपने उद्योग और संस्कृति की रक्षा करनी होगी।

कोल्ड ड्रिंक, फास्ट फूड, मोबाइल, मशीनरी, दवाइयाँ, गारमेंट्स — हर क्षेत्र में हम भारतीय विकल्प अपनाएँगे।

विदेशी बनाम स्वदेशी:

कोल्ड ड्रिंक: कोका-कोला, पेप्सी जैसी विदेशी कंपनियों की जगह लस्सी, छाछ, शरबत, आम पना, नींबू पानी, और विभिन्न प्रकार के जूस जैसे भारतीय विकल्प अपनाएँ।

फास्ट फूड: McDonald’s, KFC जैसे विदेशी ब्रांड्स की जगह स्थानीय ढाबों, भारतीय स्नैक्स और परंपरागत 36 भोग व्यंजनों को बढ़ावा दें।

गारमेंट्स: कई विदेशी ब्रांड्स भारत और बांग्लादेश जैसे देशों में कपड़े बनवाकर, अपने लेबल लगाकर करोड़ों का मुनाफा कमाते हैं। हम भारतीय ब्रांड्स जैसे Raymond, Manyavar, FabIndia, TT Garments को अपनाएँ।

मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स: Apple, Samsung जैसी कंपनियों पर निर्भरता कम करके Lava, Micromax, Dixon जैसे भारतीय ब्रांड्स को बढ़ावा दें।

दवाइयाँ: भारत पहले से ही एक बड़ा फ़ार्मा निर्माता है, लेकिन विदेशी ब्रांड्स का आयात अधिक है। हमें भारतीय जेनेरिक दवाओं को अपनाना चाहिए।

अभी भारत सरकार द्वारा कुछ उत्पाद जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स कच्चा माल, चमड़ा और हथकरघा उपकरणों पर शुल्क घटाया गया है ताकि “Make in India” को बढ़ावा मिले। परन्तु दूसरी तरफ FTA (Free Trade Agreements) के तहत कुछ देशों जैसे UK से आने वाले फैशन और ब्यूटी उत्पादों पर शुल्क हटाया गया है, जिससे विदेशी ब्रांड्स को लाभ हो रहा है।

विदेशी ब्रांड्स का बहिष्कार :

डोनाल्ड ट्रंप के 50% आयात शुल्क लगाने के बाद भारत में अमेरिकी ब्रांड्स (McDonald’s, Coca-Cola, Amazon, Apple) के बहिष्कार की मांग बढ़ी है। सोशल मीडिया पर “Buy Local” और “Swadeshi Apnao” जैसे अभियान चल रहे हैं। पर इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा। हम सभी देश वासियों को मिल कर इस अभियान काम करना चाहिए।

स्वदेशी सामान अपनाने से फायदे :

  1. स्वास्थ्य लाभ — कोल्ड ड्रिंक और फास्ट फूड से दूरी बनाकर दूध, दही, घी और पारंपरिक छप्पन भोग अपनाने से बीमारियाँ कम होंगी।
  2. आर्थिक मजबूती — जब हम स्वदेशी खरीदेंगे, तो पैसा देश में ही घूमेगा और स्थानीय उद्योग बढ़ेंगे।
  3. रोज़गार के अवसर पैदा करना — देश में उत्पादन बढ़ने से लाखों नए रोजगार बनेंगे। सरकारी और निजी कंपनियां में अवसर मिलने से लोगों को रोजगार मिलेगा और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
  4. संस्कृति सुरक्षित — भारतीय उत्पादों में हमारी परंपरा और पहचान झलकती है।

15 अगस्त केवल स्वतंत्रता का पर्व नहीं, बल्कि यह आत्ममंथन का दिन भी है — हम कहाँ से आए, कहाँ खड़े हैं और कहाँ जाना चाहते हैं। भारत का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि हम सेना के शौर्य, आर्थिक प्रगति, अंतरराष्ट्रीय संतुलन, और लोकतांत्रिक मूल्यों को कितनी मजबूती से थामे रखते हैं। आने वाले वर्षों में अगर हम इन सबका संतुलन बनाए रखें, तो “विश्व गुरु” का सपना दूर नहीं।

आओ हम सभी मिलकर इस आजादी दिवस पर यह प्रण लें — “विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करें, स्वदेशी को अपने जीवन में लाएँ, और भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।” यह न सिर्फ़ हमारे देश की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है, बल्कि यह हमारी असली स्वतंत्रता की दिशा में अगला बड़ा कदम है।