रविवार दिल्ली नेटवर्क
भारत ने आज इतिहास रच दिया है। 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान शुरू होने और 7 चरणों के साथ आम चुनाव 2024 के लिए मतदान आज संपन्न हो गया। देश के मतदाताओं ने 18वीं लोकसभा के गठन के लिए मतदान करने का अपना सबसे प्रिय अधिकार का इस्तेमाल किया है। भारतीय लोकतंत्र और भारतीय चुनावों ने फिर से जादू कर दिया है। महान भारतीय मतदाताओं ने अपनी जाति, पंथ, धर्म, सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि से परे जाकर एक बार फिर यह कर दिखाया है। वास्तव में असली विजेता भारतीय मतदाता हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू और भारत निर्वाचन आयोग परिवार मतदाताओं के प्रति बहुत आभारी हैं, जिन्होंने कई चुनौतियों और दुविधाओं को पार करते हुए मतदान केंद्र तक पहुंचने में सफलता पाई। निर्वाचन आयोग ने पूरी ईमानदारी से सभी मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनकी प्रशंसा की है। अपनी जबरदस्त भागीदारी के माध्यम से, मतदाताओं ने भारतीय संविधान के संस्थापकों द्वारा व्यक्त विश्वास को पूरा किया है, जब उन्होंने आम भारतीय को मताधिकार का अधिकार सौंपा था। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों की व्यापक भागीदारी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और भावना की पुष्टि करती है।
भारत निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा बलों सहित पूरी चुनाव मशीनरी के प्रति भी आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने देश भर में मतदाताओं को सुचारु, शांतिपूर्ण और उत्सव का माहौल प्रदान करने, प्रतिकूल मौसम, दुर्गम इलाकों जैसी चुनौतियों का सामना करने और विविधतापूर्ण जनसंख्या के बीच कानून व व्यवस्था का प्रबंधन करने में समर्पण और प्रतिबद्धता दिखाई।
आयोग सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का भी आभार व्यक्त करता है, जो भारतीय चुनावों की महत्वपूर्ण केन्द्र-बिन्दु हैं।
आयोग प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के योगदान के लिए भी आभारी है। आयोग ने हमेशा मीडिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए सहयोगी माना है।
शतायु, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और थर्ड जेंडरों द्वारा डाले गए वोटों का महत्व कई लोगों, खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो लोकतंत्र को और आगे ले जाएंगे। भारत निर्वाचन आयोग की इच्छा है कि भारत की अगली पीढ़ी के मतदाता इस भागीदारी को और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
मतदान के दौरान मतदाताओं, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, चुनाव कर्मियों और सुरक्षा बलों के सामूहिक प्रयासों ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत किया है, जो बहुत सम्मान और प्रशंसा के योग्य है। देश के लोगों ने सामूहिक प्रयासों के बल पर लोकतंत्र के चक्र को निरंतर सक्रिय रखा है।