- जाने किस ओर फैसला होगा,
उसने सिक्का उछाल रक्खा है – गार्गी कौशिक
दीपक कुमार त्यागी
अंजुमन फ़रोगे उर्दू, दिल्ली द्वारा बसंत चौधरी फाउंडेशन के सौजन्य से आयोजित ग़ज़ल कुम्भ 2024 हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी बेहद सराहनीय रहा। जनाब दीक्षित दनकौरी जी ने बताया कि ये महफ़िल ग़ज़ल कहने के साथ साथ ग़ज़ल सुनने का भी सलीका सिखाती है,बड़े-बड़े उस्ताद शायर जो बिना अपनी उम्र और अत्यधिक व्यस्तता की फिक्र किए इस उत्सव में आते हैं, उनकी उपस्थिति से ही कार्यक्रम महोत्सव का रूप धारण करता है। उस्ताद शायरों के समक्ष ग़ज़ल प्रस्तुत करने का मौका और ग़ज़ल कहने के लिए एक सशक्त मंच है। कार्यक्रम के संयोजक दीक्षित दनकौरी जी ने बताया की अगला ग़ज़ल कुंभ नेपाल में होगा। पूरे देश से आए लगभग डेढ़ सौ से अधिक कवियों ने काव्यपाठ किया । सभी को खूब सराहा गया है।अभिनेता व कवि रवि यादव ने बताया कि बाहर से आने वाले शायरों के लिए ठहरने और सभी शायरों के लिए खाने की व्यवस्था निःशुल्क की गई। पिछले 15 वर्षों से वरिष्ठ शायर श्री दीक्षित दनकौरी जी ये ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं। उनकी विनम्रता और प्रत्येक कवि के प्रति सम्मान भाव व मेहमाननवाज़ी की भावना ने आयोजन को एक नई ऊंचाई दी। सुप्रसिद्ध शायर सन्तोष सिंह व उनकी टीम द्वारा सारी व्यवस्थाओं को बड़े ही अच्छे तरीके से संचालित किया गया । गाज़ियाबाद से आई कवयित्री गार्गी कौशिक ने बताया कि बाहर से आने वाले शायरों के लिए ठहरने और सभी शायरों के लिए खाने की व्यवस्था निःशुल्क की गई। पिछले 15 वर्षों से वरिष्ठ शायर श्री दीक्षित दनकौरी जी ये ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं। उनकी विनम्रता और प्रत्येक कवि के प्रति सम्मान भाव व मेहमाननवाज़ी की भावना ने आयोजन को एक नई ऊंचाई दी। सुप्रसिद्ध शायर सन्तोष सिंह व उनकी टीम द्वारा सारी व्यवस्थाओं को बड़े ही अच्छे तरीके से संचालित किया गया।