3 आतंकी डाक्टर और मुफ़्ती एनआईए की हिरासत में

3 terrorists, doctor and Mufti in NIA custody

इंद्र वशिष्ठ

लाल किले के सामने हुए कार बम विस्फोट मामले में एनआईए ने फिदायीन हमलावर डाक्टर उमर के चार और प्रमुख सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या छह हो गई है।

एनआईए के अनुसार कश्मीर में पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग के डॉ. आदील अहमद राठर, लखनऊ की महिला डॉ. शाहीन सईद और शोपियां के मुफ़्ती इरफान अहमद वागे को गिरफ्तार किया है। एनआईए की जांच के अनुसार, इन सभी ने आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाई थी। कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए इन आरोपियों को एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट के प्रोडक्शन ऑर्डर पर श्रीनगर से हिरासत में लिया।

एनआईए ने इस मामले में सबसे पहले धमाके में इस्तेमाल की गई कार के मालिक कश्मीरी आमिर राशिद अली को और उसके बाद जसीर बिलाल वानी उर्फ ​​दानिश को गिरफ्तार किया। जसीर से पूछताछ में पता चला कि आतंकवादी हमलों के लिए ड्रोन और रॉकेट का इस्तेमाल करने का इरादा था

जसीर ने कार बम विस्फोट से पहले कथित तौर पर ड्रोनों में बदलाव करके और रॉकेट बनाने की कोशिश करके आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की थी।

आतंकी डाक्टरों के इस गिरोह का खुलासा जैश ए मोहम्मद के समर्थन में चिपकाए गए पोस्टर/ इश्तहार से हुआ। अक्टूबर में कश्मीर के नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के नाम से पोस्टर लगाए गए। कश्मीर पुलिस ने इस मामले में शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद को पकड़ा। उससे पता चला कि यह पोस्टर डॉ. आदिल अहमद ने लिखा है। मुफ्ती ने डॉ. मुजम्मिल शकील का भी नाम लिया, जो फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। कश्मीर पुलिस ने डाक्टर मुजम्मिल और डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया। डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ में पता चला कि अल फलाह यूनिवर्सिटी में उसके कमरे के बगल में डॉ.उमर का कमरा है। डाक्टर मुजम्मिल की पूछताछ के आधार पर डॉ. शाहीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। दस नवंबर को कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में दो अलग अलग स्थानों से लगभग तीन हज़ार किलो विस्फोटक सामग्री (अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर आदि) बरामद की।

उधर भनक लगते ही डॉ. उमर विस्फोटक से लदी कार को लेकर निकल गया। शाम को लाल किले के सामने उसने आत्मघाती हमला कर दिया।