41 वां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला : दाे साल बाद लगने जा रहे मेले की थीम है ” लोकल फॉर वोकल, लोकल टू ग्लोबल ”

संदीप ठाकुर

दिल्ली के प्रगति मैदान में दाे साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से 14
नवंबर से 41वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला लगने जा रहा है।
काेराेना की पाबंदियाें के कारण यह मेला नहीं लगा था। इस बार का मेला
2022 कई मायनों में खास होगा। देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है
तो इसकी झलक मेले में पग पग पर देखने को मिलेगी। 27 नवंबर तक चलने वाले
इस मेले का थीम इस बार ”वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” है। मेले के
आयाेजक भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ही नहीं, राज्य सरकारों
और केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा भी इसके मद्देनजर अपनी अपनी
उपलब्धियों को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश बनने के
बाद लद्दाख मेले में पहली बार भाग ले रहा है।

मेले में शिरकत के लिए राज्याें काे अच्छी खासी रकम खर्च करनी हाेगी।
पार्टनर स्टेट को करीब 36 लाख रुपए का चार्ज देना पड़ेगा। फोकस स्टेट को
24 लाख रुपए देने होंगे। इस बार महाराष्ट्र, झारखंड और बिहार पार्टनर हैं
। केरल और यूपी फोकस स्टेट हैं। इन पांचों राज्यों को करीब 1 करोड़ 66
रुपए चार्ज के रूप में आीटीपीओ को देने होंगे। जेएंडके सहित 29 राज्य व
केंद्र शासित प्रदेशों के आवेदन व औपचारिकताएं आइटीपीओ को मिल चुकी हैं।
इनमें लद्दाख, हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, यूपी,
उत्तराखंड, राजस्थान, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, एमपी,
महाराष्ट्र, पांडिचेरी, असम, तमिलनाडु, उड़ीसा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल,
त्रिपुरा, कर्नाटक, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम शामिल हैं। 31 अक्टूबर
2019 को केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख को मेले में भाग लेने के
लिए आइटीपीओ ने विशेष तौर पर आमंत्रित किया है । उत्तर में काराकोरम
पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच स्थित लद्दाख व्यापार मेले में
अपनी सांस्कृतिक झलक पेश करेगा। लद्दाख की सांस्कृतिक झलक लोगों के
आकर्षण के केंद्र रहने की संभावना है। सुरंग से गुजरने वाली सड़क शुरू हो
जाने से इस बार प्रगति मैदान के भीतर भी पार्किंग की जगह मिल सकेगी।

आइटीपीओ के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार लगभग सभी राज्य बड़ी तैयारी के
साथ व्यापार मेले में भाग लेंगे। इस कारण उन राज्यों ने पिछले साल के
मुकाबले इस बार 30 से 40 प्रतिशत अधिक क्षेत्र की मांग की है। उनकी मांग
को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। यूपी को सबसे अधिक दो हजार वर्ग
मीटर का क्षेत्र दिया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र और बिहार को एक-एक
हजार वर्ग मीटर, उत्तराखंड को 800 और कर्नाटक को 700 वर्ग मीटर जगह मिल
रही है। राज्यों के लिए इस बार कुल 12 हजार वर्ग मीटर का क्षेत्र रिजर्व
रखा गया है। इसी प्रकार विभिन्न केंद्रीय मंत्रालय अपने पवेलियन आदि के
लिए अधिक जगह की मांग कर रहे थे। उन मंत्रालयों में स्टील, पावर, हेल्थ,
एक्साइज, कॉमर्स और फाइनेंस आदि प्रमुखता से शामिल हैं। उनके लिए भी
पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक जगह की व्यवस्था की गई है। केंद्रीय
मंत्रालयों के लिए करीब 15 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल की जगह तय की गई है।
जहां तक विदेश का सवाल है ताे अभी तक आइटीपीओ ने नौ देशों की कंपनियों की
मेले में भागीदारी पर मोहर लगाई है। इनमें टर्की, बहरीन, बेलारूस,
थाईलैंड, यूके, अफगानिस्तान, यूएई, नेपाल और बांग्लादेश शामिल हैं।

अफगानिस्तान को सबसे बड़ा एरिया दिया जा रहा है। अफगानिस्तान की कंपनियों
की मांग के अनुसार उन्हें 240 वर्ग मीटर क्षेत्रफल दिया जा रहा है। इस
बार मेले में चीन की भागीदारी बेहद सीमित रहेगी। चीन की कंपनियों के
अधिकारी व प्रतिनिधि मेले में नहीं आ रहे हैं ।

व्यापार मेले का समय पहले की तरह सुबह 10 बजे से शाम 7:30 बजे रहेगा।
प्रवेश टिकट शाम 4:30 बजे तक ही मिलेंगे।

व्यापार मेले की टिकट दर

दिन बिजनेस डे नॉन बिजनेस डे

वीकेंड और गजेटिड हॉलिडे (वयस्क) — 500 रु. —- 150 रु.

नॉन वीकेंड डे (व्यस्क) ————— 500 रु. — 80 रु.

वीकेंड और गजेटिड होलिडे (बच्चा) ——– 200 रु. — 60 रु.

नॉन वीकेंड डे (बच्चा) ———— 150 रु. — 40 रु.

सीजन टिकट सभी पांच बिजनेस डे —— 1800 रु. 1800 रु

सीजन टिकट सभी नौ नान बिजनेस डे — 1800 रु. 1800 रु

सीजन टिकट सभी 14 दिन के लिए —– 2,000 रु. 2,000 रु

(सीनियर सिटीजन और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सभी दिन प्रवेश फ्री
रहेगा। उन्हें टिकट नहीं खरीदनी पड़ेगी। पार्किंग के रेट का खुलासा
फिलहाल नहीं किया गया है। )