44 वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 – राजस्थान दिवस पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन, राजस्थानी नृत्यों सहित ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध किया

44th India International Trade Fair 2025 - Cultural evening organised on Rajasthan Day, including Rajasthani dances enthralled the visitors

नीति गोपेन्द्र भट्ट

नई दिल्ली/जयपुर : नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 44वें अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में इस बार की थीम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ के अनुरूप राजस्थान दिवस पर राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा नृत्यों ने उपस्थित आगंतुकों को मंत्रामुग्ध कर दिया।

प्रगति मैदान के एमफी थियेटर हॅाल में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि राजस्थान की अतिरिक्त आवासीय आयुक्त अंजु ओम प्रकाश ने दीप प्रज्वलित कर किया। राजस्थान पर्यटन स्वागत केन्द्र की उप निदेशक दीपाली शर्मा ने गुलदस्ते भेंट कर उनका और अतिथियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत थीम में राजस्थान-असम राज्य के लोककलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। दो घंटे से भी अधिक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रारंभ में बाड़मेर से आए भंगुर खां ने अपने खड़ताल वादन और पारंपरिक राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति दी। इसके उपरांत जयपुर से आई मोरू सपेरा ने चरी नृत्य, घूमर नृत्य और कालबेलियां नृत्य में उनके दल की नृत्यांगनाओं ने लोम हर्षक प्रस्तुति दी। उन्होंने अपने शरीर को रबर की गुड़ियां की तरह तोड़ मोड़कर गजब की लचक के साथ ऐसा अनूठा नृत्य प्रस्तुत किया कि दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गये। नृत्यांगनाओं ने मुंह और आंखों की पलको से अंगूठी उठाकर भारी करतल ध्वनि अर्जित की

जयपुर के श्री महावीर नाथ के ग्रुप ने भवई नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके उपरांत असम के ब्रहम्पुत्रा नोर्थ इस्ट ग्रुप जि दरंग ने असम का प्रसिद्ध पांरपरिक ‘बीहू नृत्य‘ की प्रस्तुति देकर सबका खूब मनोरंजन किया। कार्यक्रम के अंत में भरतपुर डीग से श्री विष्णु शर्मा और उनके दल ने मयूर नृत्य से ऐसा रंग जमाया कि दर्शक हर्ष घ्वनि किए बिना नहीं रहे। उनके ग्रुप ने ही ‘‘फूलों की होली से प्रगति मैदान को ‘ब्रजमय‘ बना दिया।