प्रदेश में 5 नवीन शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं 2 नवीन 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालय होंगे स्थापित

5 new government Ayurveda colleges and 2 new 50 bedded AYUSH hospitals will be established in the state

  • आयुर्वेद महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों की स्थापना से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का होगा विस्तार : आयुष मंत्री श्री परमार
  • आयुर्वेद के शोध, अध्ययन एवं आयुष चिकित्सा सुविधाओं को मिलेगा बढ़ावा : आयुष मंत्री श्री परमार

रविवार दिल्ली नेटवर्क

भोपाल : राष्ट्रीय आयुष मिशन अंतर्गत प्रदेश में 5 नवीन शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं 2 नवीन 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों की स्थापना स्वीकृति मिली है। उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने इसके लिए भारत सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है। मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार, नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में स्वस्थ, समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश आकार ले रहा है। हमारा लक्ष्य जनाकांक्षाओं की पूर्ति और प्रदेश की सर्वांगीण प्रगति है। मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में नवीन शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं आयुष चिकित्सालय बनने से आयुष चिकित्सा अध्ययन एवं आयुष स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अध्ययन के लिए विद्यार्थियों को सुलभता होगी और नागरिकों को भी गुणवत्तापूर्ण आयुष चिकित्सा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।

आयुष मंत्री श्री परमार ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना अंतर्गत प्रत्येक महाविद्यालय की स्थापना के लिए लगभग 70 करोड़ रुपए राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस तरह प्रदेश को कुल 350 करोड़ रुपए की राशि नवीन शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्थापना के लिए स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश के सागर, शहडोल, बालाघाट, नर्मदापुरम एवं मुरैना जिले में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना होगी, इससे प्रदेश के समस्त संभागों में अब शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय स्थापित हो जाएंगे। श्री परमार ने बताया कि औषधीय वनस्पतियों से भरपूर जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र बालाघाट में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना होने से छात्र-छात्राओं को सुगम रूप से अध्ययन, शोध एवं गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेद चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। जनजातीय क्षेत्र में प्राप्त होने वाली औषधीय वनस्पतियों के शोध एवं क्षेत्र में प्रचलित प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी शोध और अनुसंधान के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध होंगे। श्री परमार ने बताया कि प्रथम चरण में इन जिलों के आयुष चिकित्सालयों के उन्नयन के लिए चिकित्सालय भवन का निर्माण किया जाएगा।

आयुष मंत्री श्री परमार ने बताया कि आयुष चिकित्सा सुविधा जन-जन तक पहुंचाने एवं औषधीय वनस्पति की खेती को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कृषकों एवं मण्डी के लिए प्रसिद्ध शुजालपुर एवं PVTG (विशेष पिछड़ी जनजाति समूह) जनजातीय क्षेत्र श्योपुर में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत की गई है। इसमें प्रत्येक आयुष चिकित्सालय की स्थापना के लिए लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि की स्वीकृति मिली है।