इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालिस्तानी आतंकियों और बदमाशों के गठजोड़ वाले गिरोहों के 6 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. आतंकियों,बदमाशों और मादक पदार्थ/हथियार तस्करों के गठजोड़ को खत्म करने के लिए एनआईए द्वारा 21 फरवरी को आठ राज्यों में 76 ठिकानों पर मारे गए छापों के सिलसिले में यह गिरफ्तारियां की गई है.
खालिस्तानी कनेक्शन-
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कनाडा में मौजूद भारत द्वारा आतंकी घोषित अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला के साथी लक्की खोखर उर्फ डेनिस समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बठिंडा, पंजाब निवासी लक्की खोखर को मंगलवार को श्रीगंगानगर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया. लक्की कनाडा में मौजूद आतंकी अर्श दल्ला के सीधे और निरंतर संपर्क में था. वह युवाओं को बरगला कर गिरोह में भर्ती करता था आतंकी गतिविधियों के लिए अर्श दल्ला उसे पैसा भेजता था. लक्की ने अर्श दल्ला के साथियों को पंजाब में हथियार, गोला बारूद उपलब्ध कराया था्. इन हथियारों का इस्तेमाल हाल ही में जगराओं, पंजाब में हुई हत्याओं में किया गया.
एनआईए ने पिछले साल अगस्त में खुद संज्ञान लेते हुए हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा और अर्श दीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था. इस मामले में दीपक रंगा को एनआईए ने पहले गिरफ्तार किया था.
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि लक्की खोखर आतंकी अर्श दल्ला के लिए काम कर रहा था, वह खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे विभिन्न खालिस्तानी आतंकी गिरोहों के लिए भारत में इंटरनेशनल और इंटरस्टेट बार्डर से गोला बारुद, विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी में शामिल रहा है. एनआईए ने लक्की खोखर के अलावा लखवीर सिंह गिद्दड़बाहा मुक्तसर, हरप्रीत मोगा, दलीप बिश्नोई अबोहर फाजिल्का, सुरेन्द्र उर्फ चीकू चौधरी नारनौल हरियाणा और हरि ओम उर्फ टीटू गुरुग्राम हरियाणा को गिरफ्तार किया है.
लखवीर सिंह के पास से 9 बंदूकें बरामद हुई है. लखवीर सिंह एनआईए द्वारा पहले गिरफ्तार किए जा चुके छोटूराम भाट निवासी चौटाला गांव का साथी है.लखवीर सिंह लोगों को डराने के लिए सोशल मीडिया पर अपने अपराधों का प्रचार करता था. सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को बरगला कर आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती करने की कोशिश कर रहा था. एनआईए द्वारा पिछले साल दर्ज किए गए इस मामले में अब तक कौशल चौधरी, अमित डागर, सुखप्रीत सिंह, भूपी राणा, नीरज बवाना, नवीन बाली और सुनील बाल्यान समेत 9 बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
लारेंस बिश्नोई गिरोह-
सुरेन्द्र चौधरी और दलीप बिश्नोई बदमाश लारेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और कनाडा में मौजूद गोल्डी बरार के गिरोह के हैं. इनको धन जुटाने, युवाओं को अपराध के लिए गिरोह में शामिल करने, आपराधिक और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एनआईए द्वारा पिछले साल अगस्त में दर्ज मामले में लारेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, काला जठेडी, काला राणा, जोगेंद्र सिंह, राजेश कुमार, राजू बासोडी, अनिल छिपी, नरेश यादव और शहबाज़ अंसारी समेत दस बदमाशों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है.
फायनांसर-
एनआईए के अनुसार सुरेन्द्र चौधरी आतंकी और बदमाशों के गठजोड़ का मुख्य फायनांसर है. सुरेन्द्र गैर कानूनी शराब ठेके, शराब तस्करी, हरियाणा में शराब और खनन ठेकेदारों से जबरन धन वसूली में शामिल है. अपराध के 13 मामलों में शामिल आदी अपराधी दलीप बिश्नोई भी इस आतंकी गिरोह का एक मुख्य फायनांसर है. दलीप पंजाब और राजस्थान में गिरोह के बदमाशों के रहने और अन्य जरुरी सुविधाओं का इंतजाम करता है.
विदेश से गिरोह संचालन-
एनआईए को जांच में पता चला है कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, फिलीपींस, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे. भारत की विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से आतंकी गतिविधियों और अपराध की योजना बना रहे थे। ये जबरन वसूली और लक्षित हत्याएं (टार्गेट किलिंग) कर रहे थे
हवाला, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे। एनआईए के अनुसार इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और मददगारों ( सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर) को खत्म करने के लिए जांच जारी है।