- 31वीं नृत्य प्रतियोगिता में राजस्थानी संस्कृति जीवंत हो उठी
ललित गर्ग
दिल्ली : राजस्थानी अकादमी की 31वीं राजस्थान ग्रुप लोक नृत्य प्रतियोगिता 2023 एवं 7वां सुभाष लखोटिया श्रवण कुमार पुरस्कार समारोह, कमानी ऑडिटोरियम में भव्य रूप में आयोजित हुआ। इस आयोजन में 13 स्कूलों से आए 125 से अधिक छात्रों ने अपनी अद्भुत, मनोरम एवं आकर्षक लोक नृत्य कौशल का प्रदर्शन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। समारोह की अध्यक्षता सूरीनाम के राजदूत श्री अरुंकोमार हारडियन ने की एवं फिलिस्तीन दूतावास के प्रमुख श्री बस्सेम हेलिस विशिष्ट अतिथि एवं एनडीएमसी अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय मुख्य अतिथि थे।
इस अवसर पर माता-पिता की सेवा एवं भलाई करनेवाले संतानों के लिए प्रतिवर्ष दिया जाने वाला सुभाष लखोटिया श्रवण कुमार पुरस्कार प्रखर धार्मिक वक्ता एवं समाजसेविका श्रीमती रूचिका अग्रवाल को प्रदत्त किया गया। पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये का चेक, प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड प्रदत्त किया गया। समारोह में 9वीं राजस्थानी पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया। यमुना विहार के ‘लिटिल फ्लावर्स पब्लिक स्कूल’ ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दर्शकों को प्रभावित करते हुए प्रतियोगिता में विजयी होकर दमदार प्रदर्शन किया। मुख्य अतिथि श्री सतीश अग्रवाल ने राजस्थान की संस्कृति को जीवंत बनाने में राजस्थान अकादमी के योगदान को सराहनीय बताया, उन्होंने कहा कि भारत की दुनिया में पहचान यहां के सांस्कृतिक वैभव के कारण ही है। यह बात हमने जी-20 सम्मेलन के दौरान महसूस की कि दुनिया के शक्तिशाली देशों ने उस समय प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं आतिथ्य सत्कार की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
पद्मश्री नलिनी कमालिनी ने नृत्य की बारीकियों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसके माध्यम से हर व्यक्ति अपूर्व शांति का अनुभव कर सकता है। भारत की नृत्य कला दुनिया में सराही जाती है। आज की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सबका मन मोहा है। विशेषतः राजस्थान की संस्कृति दिल्ली में जीवंत हो उठी। सूरीनाम के राजदूत श्री अरुंकोमार हारडियन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और सूरीनाम के प्रगाढ़ संबंध रहे हैं। इस वर्ष सूरीनाम के स्थापना के 150वें वर्ष पर आयोजित समारोह में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेगी। वक्ताओं ने राजस्थान अकादमी के द्वारा आयोजित होनेवाली विविध सांस्कृतिक, शैक्षणिक, सामाजिक, जनकल्याणकारी गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अकादमी कोरा आमोद-प्रमोद का मंच नहीं है बल्कि यह जीवन को नजदीकी से देखने, राजस्थान की संस्कृति को देश एवं दुनिया में पहुंचाने, सेवा एवं परोपकार के प्रकल्पों को आकार देने एवं संवेदना की दृष्टि जगाने का उपक्रम है।
राजस्थानी अकादमी के अध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने राजस्थान अकादमी के लंबे कार्यकाल की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान की अनूठी संस्कृति को राजधानी में प्रस्तुति देने में अनेक उपक्रम संचालित कर रही है। उन्होंने राजस्थान के सांस्कृतिक संरक्षण के प्रयासों को उजागर किया। इस नृत्य प्रतियोगिता के निर्णायक अनिता अग्रवाल, पूजा गुप्ता, अनु सिन्हा और दीपाली सिन्हा थे।
राजस्थानी अकादमी की सचेत सुमन महेश्वरी सचिव ने कार्यक्रम को प्रभावी संचालन किया। इस समारोह की सफलता में श्रीमती शशि लोहिया, एम.के. धनुका, सी.एल. अग्रवाल, प्रेम सिंह धींगरा, वेद प्रकाश, राजकुमार अग्रवाल, जेम माइंस और श्री नोरतन अग्रवाल बीकानेरवाला, श्री ललित गर्ग का विशेष सहयोग रहा।