- लड़कों को विश्व कप के मुताबिक खुद को ढालने में कुछ वक्त लग रहा है
- हमला बोलते वक्त हड़बड़ी की बजाय धैर्य से निशाने लगाने की जरूरत
- विश्व कप के आगे बढऩे के साथ हमारे हमले और पेनल्टी कॉर्नर बेहतर होंगे
सत्येन्द्र पाल सिंह
भुवनेश्वर : भारत के चीफ कोच ग्राहम रीड ने वेल्स के खिलाफ यहां एफआईएच हॉकी विश्व कप मैच की पूर्व संध्या पर आक्रमण और रक्षण की अहम कड़ी हार्दिक सिंह के खेलने की बाबत अपने पत्ते न खोलते हुए बस इतना ही कहा कि जहां तक उनके खेलने की बात हम उनकी बाबत बृहस्पतिवार को मैच से पहले ही फैसला लेंगे। रीड ने कहा, ‘हार्दिक की एमआरआई की रिपोर्ट हमारी उम्मीद से बेहतर है। हम वेल्स के खिलाफ हार्दिक के खेलने की बाबत बृहस्पतिवार को मैच से पहले फैसला लेंगे। हमें हार्दिक के इस विश्व कप में आगे के मैचों में खेलने की उम्मीद है। हालांकि हमारे पास वैकल्पिक खिलाड़ी के रूप में खालिस मिडफील्डर राज कुमार पाल और डिफेंडर ड्रग फ्लिकर जुगराज सिंह भी हैैं।’
रीड ने कहा, ‘जहां तक इस विश्व कप में पेनल्टी कॉर्नर पर ऑस्ट्रेलिया को छोड़ बाकी हम सही बाकी टीमों द्वारा कम गोल करने की बात है तो इस बाबत तो यही कहूंगाएक तो आज दुनिया की हर टीम का पेनल्टी कॉर्नर पर डिफेंस बहुत मजबूत हुआ है। पेनल्टी कॉर्नर को रोकने के लिए ‘रशर’ बहुत अच्छे ढंग से ड्रैग फ्लिक को रोक रहे। हर टीम पेनल्टी पर ड्रैग फ्लिकरों कैसे लगा रहे हैं इसका विडियो विश्लेषण किया जा रहा है। आज पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिकरों के फ्लिक करने के ढंग का विडियो विश्लेषक विश्लेषण कर उसे रोकने की रणनीति बनाते हैं। विश्व कप में पेनल्टी कॉर्नर पर कामयाब होने के लिए आपको इससे जुड़े सभी को पूरा तालमेल बनाना होगा। साथ ही हम मौजूदा विश्व कप में अब तक ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर बना ही नहीं सके।’
रीड ने कहा, ‘ बेशक पिछले विश्व कप में जब मैं नीदरलैंड टीम का सहायक कोच था और तब भारत ने पूल में शीर्ष पर सीधे क्वॉर्टर फाइनल में पहुंच नीदरलैंड से हार कर बाहर होने से पहले तक अब की तुलना में ज्यादा गोल किए थे। इस बार हमारे अब तक शुरू के दो मैच में मात्र दो ही गोल करने की बाबत मैं यही कहूंगा यह टीवी का चैनल बदलना नहीं है। आपको कोई एक चैनल पसंद नहीं आया तो आपने दूसरा चैनल लगा दिया। लड़कों को खुद को विश्व कप जैसे बड़े मंच के मुताबिक खुद को ढालने में कुछ वक्त लग रहा है। मौजूदा विश्व कप के आगे बढऩे के साथ हमारे खिलाडिय़ों के हमले और पेनल्टी कॉर्नर दोनों बेहतर होंगे। हमला बोलते वक्त हड़बड़ी की बजाय धैर्य से निशाने लगाने की जरूरत है। इस तरह हड़बड़ी में गड़बड़ी मुमकिन है। हमने अपने मैचों के जो क्लिप देखे उससे मालूम पड़ा कि उनके शॉट सही दिशा में भी गए हमें जरूरत अपनी योजना को अमली जामा पहनाने की है। जब हम वेल्स के खिलाफ खेलने उतरेंगे तो हमें यह मालूम रहेगा कि हमें कितने गोल से जीतना है तो इसका उसी तरह लाभ मिलेगा जैसे की बाद में बल्लेबाजी करने जाने पर लक्ष्य मालूम होने पर होता है। हमें अपना धैर्य दिखाना होगा। राउरकेला में बिरसामुंडा स्टेडियम की पिच यहां से कुछ बेहतर है लेकिन हमें यहां कलिंग स्टेडियम की पिच पर खेलने का खासा अनुभव है’।
आने वाले मैचों में हम पेनल्टी कॉर्नर पर ज्यादा गोल करेंगे : हरमनप्रीत
भारत के कप्तान हरमनप्रीत ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि पेनल्टी कॉर्नर गोल करने का अच्छा मौका होता है लेकिन हम इसका शुरू के मैचों में अच्छा लाभ नहीं उठा सके हैं। आप भरोसा रखें आने वाले मैचों में हम पेनल्टी कॉर्नर का अच्छा इस्तेमाल कर ड्रैग फ्लिक कर गोल करेंगे और इसे विविधता के साथ अमली जामा पहना सकेंगे। रही बातपेनल्टी कॉर्नर लगाने के समय में एफआईएच द्वारा रक्षापंक्ति और रक्षकों की सुरक्षा की बाबत ज्यादा सोचने की है तो अगर ऐसा होता तो यह डिफेंडरों के लिए अच्छा है। पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक कर गोल करने के लिए 40 सेकंड मिलते हैं। मेरा मानना है कि यदि पेनल्टी कॉर्नर को रोकने के लिए डिफेंडरों को कुछ ज्यादा वक्त मिलेगा तो अच्छा ही है।’