जडेजा ने क्रीम गेंद की स्थिति बदलने के लिए इस्तेमाल नहीं की
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में सीरीज के पहले टेस्ट में एक पारी और 132 रन से जोरदार जीत में मैन ऑफ द मैच रहे उसके ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को मैदान पर अंपायरों को बिना बताए उंगली पर चोट से आराम के लिए क्रीम लगाए जाने पर उनकी मैच फीस का 25 फीसदी जुर्माना लगाया गया है। जडेजा पहले टेस्ट मैच के पहले दिन बृहस्पतिवार को आईसीसी की आचार संहिता को लेवल 1 उल्लंघन का दोषी मानते हुए साथ ही उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट (अवगुण) पाइंट भी जोड़ दिया गया है। जडेजा का 24 महीनों में इस तरह का यह पहला अपराध है।अच्छी बात यह है कि अंतर्राष्टï्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) की इस टेस्ट का संचालन करने वाली टीम इस बात से जरूर संतुष्टï है कि जडेजा ने इस क्रीम का इस्तेमाल गेंद की स्थिति को बदलने के लिए किसी कृत्रिम पदार्थ के रूप में नहीं किया। आईसीसी के मुताबिक जब किसी क्रिकेटर के 24 महीनों के भीतर चार या इससे ज्यादा डिमेरिक पाइंट हो जाते हैं यह ये निलंबन अंकों में तब्दील हो जाते हैं और उसे प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
दरअसल नागपुर में पहले टेस्ट मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 46 वें ओवर में रवींद्र जडेजा ने मैदानी अंपायरों की इजाजत के बिना अपनी तर्जनी आई में सूजन से राहत के लिए क्रीम का इस्तेमाल किया था। जडेजा ने अपनी गलती मान ली है और आईसीसी इलीट पैनल के मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट द्वारा लगाए प्रतिबंध को मान लिया है। इसलिए किसी तरह की औपचारिक सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है।मैच रेफरी पायक्रॉफ्ट इस बात से सहमत थे कि जडेजा ने अपनी तर्जनी पर यह क्रीम स्वास्थ्य कारणों से इस्तेमाल की न कि गेंद की स्थिति को बदलने के लिए किसी कृत्रिम पदार्थ के रूप में।