हास्य व्यंग्य – एक बेरोजगार की चिट्ठी

सुरेश सौरभ

मैं एक युवा बेरोजगार हूं। नौकरी ढूंढ़-ढूंढ़ कर बिलकुल पक चुका हूं, पर नौकरी नाम की दुर्लभ चिड़िया मेरे नसीब में नहीं है। मोदी जी ने दो करोड़ लोगों को रोजगार दिया, लेकिन कतिपय कारणों से मैं छूछा ही रह गया। यानी बेकार ही रह गया, क्योंकि मेरी शैक्षिक योग्यता कम थी, वो इसलिए क्योंकि मैंने सिर्फ बारहवीं के बाद, हिंदी मीडिएम से इंटर ही कर पाया था और रोजगार में पन्द्रहवीं और सोलहवीं पास ही मोदी जी ने धरे। मेरे पास अब एक ही विकल्प है कि हिन्दू धर्म के सिरमौर भूत-प्रेत भगाने वाले सबका भविष्य बताने वाले संत शिरोमणि आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास़्त्री का चेला बन कर अपना भविष्य संवारूं।

सरकार से मेरा आग्रह कि आचार्य धीरेन्द्र शात्री जी को जादू-टोना भूत प्रेत एवं ऊपरी हवा बयार का फेरा हटाने वाले मंत्री के रूप में स्थापित करके उनका एक अलग से मंत्रालय सेन्ट्रल विस्टा टाइप सा बनवाएं। फिर उनके द्वारा तमाम विश्वविद्यालयों में जादू-टोना विभाग की स्थापना की जाए, जिसमें मेरे जैसे कम पढ़े-लिखे लोगों को जादू-टोने से भूत, प्रेत, शैतान जिन्द, परिन्द उतारने अथवा झाड़ा लगाने का प्रशिक्षण दिया जाए। उस प्रशिक्षण के लिए सरकार द्वारा महंगी फीस रखी जाये, इससे लाभ ही लाभ है, प्रशिक्षण लेकर छात्र रोजगार से जुड़कर लाभान्वित होंगे और सरकार का तमाम राजस्व भी बढ़ेगा। फिर हम सनानत के प्रचार के सहारे लोगों की भूत-बलाय भगाते हुए, अपनी रोजी-रोटी का धंधा चमका सकेंगे। धीरेन्द्र जी के बारे में तो यही कहना समीचीन होगा, हजारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है। बड़ी मुश्किल से होता है, चमन में दीदा-वर पैदा। जिसके सामने बड़े-बड़े भूत हाथ बांधे खड़े हो, जिसके सामने बड़े-बड़े सर कटे खबीस पानी भरते हो, जिसके सामने बंधक बनी चुडै़लें, डाइनें कैबरे डान्स करतीं हां, एक-एक खरगोश बीड़ी के लिए तड़पती हा,े जिसके सामने बड़ी-हस्तियाँ सिर झुका कर सलाम ठोंकती हो, ऐसे महान प्रातः स्मरणीय एक हजार आठ श्री श्री श्री आचार्य धीरेन्द कृष्ण शास्त्री की फोटू मढ़ा कर सब लोगों को अपने ड्राइंग रूम में तमीज से रखनी चाहिए। पूजा करनी चाहिए जैसे कि मैं रोज करता हूं। अगर मोदी जी ने आचार्य जी से पहले ही पूछ लेते कि काला धन किसके-किसके पास है, तो मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे नालायक, महाचोर फरेबी काला धन लेकर चंपत न हो पाते। सीमा पर कहां-कहां आतंकी छिपे हैं, कहां-कहां खालिस्तानी-पाकिस्तानी छिपें बैठे हैं, अगर मोदी जी इनसे पूछ लेते तो हमारी सुरक्षा एजेंसियों को झक न मारना पड़ता। अगर मोदी जी ऐसे महान भविष्यवेत्ता से भविष्य पूछ लेते तो आतंकी पुलवामा में हमला न कर पाते। ऐसी महान शख्सियत की हर चौराहे पर मूर्ति लगनी चाहिए जैसे कि बहन जी ने एक पार्क में अपनी बड़ी मूर्ति लगवाई है, ऐसे ही धीरेन्द्र जी को अपनी विशाल मूर्ति लगवा लेनी चाहिए ताकि बागेश्वर धाम न जा पाने वाले, उनके हम सब भक्त उनकी मूर्ति के आगे ही भजन कीर्तन कर सकें, आरती उतार सकें, धूनी रमा सकें और अपना मनोवांक्षित फल पा सके।
-सुरेश सौरभ