ओम प्रकाश उनियाल
उत्तराखंड के लिए यह गौरव की बात है कि जी-20 की तीन बैठकों का आयोजन प्रदेश में होगा। इससे उत्तराखंड की पहचान विश्व मेंं होगी। यहां की संस्कृति से विदेशों से आने वाले प्रतिनिधि परिचित होंगें। तथा अपने साथ देवभूमि की यादें समेट कर ले जाएंगे। उत्तराखंड को भी नयी दिशा मिलेगी। जहां-जहां ये बैठकें होंगी कम से कम वहां की तस्वीर भी बदली-बदली नजर आएगी।
पहली बैठक 26-28 मार्च के बीच रामनगर में, दूसरी और तीसरी बैठक योग नगरी ऋषिकेश में 25 से 27 मई व 26 से 28 जून के बीच प्रस्तावित है। इन बैठकों में विभिन्न अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी।
रामनगर में होने वाली पहली बैठक के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बैठक में देश-विदेश समेत 100 प्रतिनिधि शामिल होंगे।
राज्य के मुखयमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी ने एक बैठक कर अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जी-20 की राज्य में आयोजित होने वाली बैठकों से विश्व स्तर पर उत्तराखंड की पहचान बनने का अच्छा अवसर है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस आयोजन की व्यवस्थाओं की समय से सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर्यटन एवं जैव विविधता से पूरे विश्व को परिचित कराने का भी यह अवसर है। इसके लिए सभी स्तरों पर बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर एवं जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिए कि पंतनगर से रामनगर तक के सड़क मार्ग को सुव्यवस्थित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों की मरम्मत के साथ मार्ग के आस पास के क्षेत्रों में सफाई, सुरक्षा एवं सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का भी यह अच्छा अवसर है। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिन उत्पादों को हम व्यापक स्तर पर वैश्विक पहचान दिला सकते हैं, उनकी विशेषताओं की पहचान कर ली जाए। उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठकों में आयोजन स्थल पर उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल लगाए जाएं। उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। आयोजन स्थल पर योग एवं पंचकर्म की व्यवस्था की जाए।
सीएम धामी ने आगे कहा कि राज्य में होने वाले जी-20 की बैठक के बेहतर आयोजन के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के सुझाव भी लिए जाएं। उन्होंने इस संबंध में व्यापक जन जागरूकता पर भी बल दिया।
जी-20 की स्थापना 1999 में की गयी थी। इसमें आर्थिक मुद्दों के अलावा जलवायु परिवर्तन, कृषि, स्वास्थ्य, पर्यावरण, विकास आदि मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
भारत को जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता 1 दिसंबर 2022 में मिली है। भारत में विभिन्न स्थानों पर जी-20 सम्मेलन आयोजित किए जाने हैं। इसी के तहत तीन बैठकें उत्तराखंड में होंगी। इससे उत्तराखंड की अलग ही पहचान बनेगी।