इलेक्ट्राॅनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा कर्नाटक, धारवाड़ में ईएमसी को मिली मंजूरी: आईटी राज्यमंत्री

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कर्नाटक के धारवाड़ जिले के कोटूर और बलूर औद्योगिक क्षेत्र में ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर को मंजूरी दी है। इसकी जानकारी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट के जरिये दी। उन्होंने बताया कि करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से 224 एकड़ क्षेत्र में बनने जा रहे इस इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण क्लस्टर यानी ईएमसी से करीब 1,500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और इससे 18,000 नौकरियां पैदा होंगी।

आईटी राज्यमंत्री ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और (कर्नाटक के) मुख्यमंत्री श्री बीएस बोम्मई जी की अगुवाई में भाजपा की सरकार में कर्नाटक ग्लोबल इलेक्ट्राॅनिक्स हब बन रहा है। यह पहले ही टेक हब बन चुका है जहां कोलार (विस्ट्रोन) और देवनहल्ली (फॉक्सकॉन) में एप्पल संयंत्रों में निवेश और नई नौकरियां पैदा होने की संभावना बनी हुई है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘ आज हुबली घारवाड़ में नए इलेक्ट्राॅनिक्स क्लस्टर को भी मंजूरी दे दी गई है, जिससे अग्रणी के तौर पर इलेक्ट्राॅनिक्स के क्षेत्र में कर्नाटक को बढ़ावा मिला है।’’

ईएमसी 2.0 स्कीम के तहत कर्नाटक के धारवाड़ जिले में कोटूर और बलूर औद्योगिक क्षेत्र में ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर को मंजूरी दी गई है। जानकारी के अनुसार, नौ कंपनियां पहले ही 340 करोड़ रुपये निवेश करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुकी है जिससे 2,500 लोगों को रोजगार मिल सकता है।

यह ईएमसी एनएच-48 (1 किमी की दूरी पर) और हुबली हवाई अड्डे (33 किमी की दूरी पर) के समीप है। इससे इसका रणनीतिक लाभ भी है, क्योंकि उद्योग की लाॅजिस्टिक्स और परिवहन लागत कम होगी।
केंद्र सरकार ने कर्नाटक के मैसूर में एक उन्नत परीक्षण सुविधा विकसित करने के लिए एक काॅमन फैसिलिटीज सेंटर (सीएफसी) को पहले ही मंजूरी दी है जो उद्योग के विभिन्न परीक्षण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
परिवर्तित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना 1 अप्रैल, 2020 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य विश्व-स्तरीय आधारभूत संरचना और काॅमन टेस्टिंग फैसिलिटीज के साथ-साथ फैक्टरी शेड्स समेत अन्य बुनियादी ढांचे विकसित करना था, ताकि देश में विनिर्माण व उत्पादन केंद्र स्थापित करने के लिए बड़ी कंपनियों और उनके सप्लाई चेन को आकर्षित किया जा सके।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में 1,337 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जाने वालेे तीन इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स को मंजूरी मिल चुकी है, जिसकी कुल परियोजना लागत 1903 करोड़ रुपये होगी, जिसमें 889 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता शामिल है। इससे 20,910 करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है।