रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : अदालतों में पांच करोड़ से अधिक कानूनी मामलों की लंबितता को ध्यान में रखते हुए; न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर, पूर्व मुख्य न्यायाधीश; न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड, मुख्य न्यायाधीश, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय, ने न्यायालयों में केस लड़ रही जनता की मध्यस्थता, लोक अदालत और वैकल्पिक समाधान विधियों के माध्यम से अपने विवादों को निपटाने का आग्रह किया है। न्याय और समझौता प्रदान करने की इस भावना में; गैर सरकारी संगठन नामित; ‘समाल एंड मिडियम क्लेमस आल्टरनेटिव डिसपयूट रिज़ोल्यूशन ट्रस्ट’ (‘वैकल्पिक विवाद समाधान ट्रस्ट’) का गठन संस्थापक ट्रस्टी; एडवोकेट रविंदर गुप्ता द्वारा किया गया। 2006 से वे वरिष्ठ ‘प्रमाणित मध्यस्थ विशेषज्ञ’ हैं। इस उद्देश्य के अनुसरण में ‘दी सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ’, नई दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। श्री अमूल्य ढींगरा ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित किया। स्वागत भाषण रविंदर गुप्ता ने दिया। संगोष्ठी अधिवक्ताओं के लिए ‘मध्यस्थता मेें अभिविन्यास व प्रशिक्षण’ पर केंद्रित थी; क्योंकि कानूनी विवादों का भविष्य इस नए रास्ते में निहितार्थ है। रविंदर गुप्ता, अमूल्य ढींगरा, सुश्री जया गोयल, प्रमाणित, प्रशिक्षित ‘मध्यस्थ और प्रशिक्षकों’ ने कई अदालतों में मुकद्दमेंबाज़ी के लंबे समय के दौरान असंख्य बाधाओं और वित्तीय नुकसान पर खेद व्यक्त किया। श्री के.के. मखीजा, सुश्री जया गोयल, ‘ऐआईआईएमएस’ के निदेशक हैं; जो एक गैर सरकारी संगठन मध्यस्थों को प्रशिक्षण प्रदान करने का केंद्र है। सभी प्रतिभागियों को ‘भागीदारी का प्रमाण पत्र’ देकर सम्मानित किया गया। ‘समाल एंड मिडियम क्लेमस आल्टरनेटिव डिसपयूट रिज़ोल्यूशन ट्रस्ट’ का उद्देश्य छोटे, मध्यम व्यापारियों और अन्य हितधारकों के लाभ के लिए दिल्ली में एक आधुनिक उच्च तकनीकी पर आधारित, मध्यस्थता केंद्र स्थापित करना है। इस प्रयास से कई अदालतों में लंबित मामलों को कम करने में मदद मिलेगी तथा आम जनता को राहत मिलेगी।