दिल्ली सरकार ने फ्री बिजली सब्सिडी पर लगायी रोक: अब खेला होबे

डॉ. संजय कुमार श्रीवास्तव

आप सरकार ने दिल्ली के लोगों को बड़ा झटका देते हुए बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी है। उर्जा मंत्री आतिशी ने फ्री बिजली सब्सिडी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष में सब्सिडी के लिए फाइल एलजी के पास भेजी गयी थी लेकिन एलजी ने फाइल रोक ली है। जब तक फाइल वापस नहीं आती तक तब बिलजी सब्सिडी पर रोक जारी रहेगा। इधर एलजी विनय सक्सेना ने कहा कि राजनीतिवश निराधार झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं। हमारे पास फाइल देर से क्यों भेजी गई है।

दिल्ली में फ्री बिजली सब्सिडी बंद करने को लेकर एलजी विनय सक्सेना ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों को गुमराह कर रही है। अनावश्यक राजनीति और निराधार झूठे आरोपों से बचना चाहिए। सरकार जवाब दे कि इस संबंध में फैसला 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा गया? समय सीमा 15 अप्रैल थी तो फाइल 11 अप्रैल को क्यों भेजा गया?

देखा जाये तो आम आदमी पार्टी अब खेला करने की ठानी है। सब्सिडी रोकने के मामले का मैने तत्यों के आधार पर गहराई से विष्लेषण किया तो ये बातें सामने निकलकर आती हैं। पहली ये कि दिल्ली सरकार फ्री बिजली सब्सिडी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर लोगों को ये सन्देश देना चाहती है कि दिल्ली सरकार तो फ्री बिजली सब्सिडी देना चाहती है मगर दिल्ली के एलजी महोदय ने फाइल को रोक दी है। दूसरा ये की आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को ये भी सन्देश देना चाहती है कि एलजी विनय सक्सेना दिल्ली की जनता के विरूद्ध काम कर रहे हैं ।

आम आदमी पार्टी इम्पैक्ट फैक्टर बहुत ऊॅंचा रखना चाहती है। 2024 के लोक सभा चुनाव के मद्देनज़र आप पार्टी कोई ऐसा मुद्दा खोजने का प्रयास कर रही है जिसका प्रभाव आम आदमी के जीवन से जुड़ा हो। हो सकता है आने वाले समय में दिल्ली सरकार पानी की सब्सिडी भी खत्म कर दे। ऐसी दषा में जबकि दिल्लीवासियों का जीवनचक्र ही फ्री पर आधारित हो चुका हॅ तो इसका फायदा आम आदमी पार्टी को हो सकता है। क्यों जिस तरह से घोटालों में बंद मंत्रियों की वजह से इमेज में सुधार के बजाय इमेज में गिरावट आ रही है। भले ही दूसरे राज्यों में वोट के प्रतिशत मिले है जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है। अब राष्ट्रीय पार्टी की हैसियत रखने वाली आप अपना डैमेज कन्ट्रोल करना चाहती है।

शराब घोटला हो या अन्य घोटलों में बंद दूसरे मंत्री, दूसरे राज्यों में पैर जमाने के लिए साफ-सुथरी छवी को बनाये रखना जरूरी है। सोशल मीडिया के आ जाने से अब देश की प्रत्येक जनता तक सच्चाई पहुंच जाती है। और सबसे बड़ी बात ये है कि आज अब मोबाइल पत्रकारिता की वजह से प्रत्येक नागरिक पत्रकार हो चुका है। सूचनाए सोशल मीडिया पर मोबाइल के माध्यम से पलभर मे भेजी जा रही हैं और उसी क्षण मोबाइल पर ही देश का प्रत्येक नागरिक सूचनाओं को प्राप्त भी कर रहा है। अतः किसी भी सच्चाई को न तो झुठलाया जा सकता है और न ही छिपाया जा सकता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री 2024 के आम चुनाव को देखते हुए अपनी और पार्टी की छवी को सुधारना चाहते हैं परन्तु ध्यान देने योग्य ये बात है कि आखिर कैसे। दिल्ली के एलजी के माध्यम से आप भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधना चाहती है। मगर सवाल उठता है क्या ऐसा हो सकता है। अगर हम इस तरह के पिछले 5 से 7 वर्षो के केस स्टडी को देखें तो पाते हैं जिस पार्टी ने भी देश के प्रधान मंत्री पर प्रष्नवाचक चिन्ह लगाया उसका पत्ता साफ हो गया। अतः मेरी राय में आम आदमी पार्टी को दूसरी पार्टी पर प्रष्नचिन्ह लगाने से अच्छा है कि अपने अन्दर के सिस्टम को सही करे।

क्योंकि हमेशा एक ही राग अलापना कि दिल्ली के एलजी हमें काम नहीं करने दे रहें हैं। अगर कोई पूछे अगर आपको कोई काम करने नहीं दे रहा था तो आपने नई षराब नीति कैसे लागू कर दी। नेताओं का वेतन बढ़ाने के लिए विधान सभा में बिल कैसे पास हो जाता है। लोगों को फ्री देने के लिए विधानसभा में बिल कैसे पास हो जाते हैं। आप आदमी पार्टी 2024 में खेला करना चाहती है। सत्य तो ये है कि आज इंटरनेट की दुनिया में साढ़े तीन वर्ष का बच्चा भी कोरोना टाईम से सोषल मीडिया से जुड़ चुका है। आज तो आज तो तीन साल के बच्चे को भी मूर्ख नहीं बना सकते। आज तो छोटे बच्चे भी खाना तभी खाते हैं जब उनके हाथ में मोबाइल दी जाती है। पंजाब का हाल किसी से छुपा नहीं है। वहां किसान आन्दोलन की आड़ में खालिस्तान के मागं की आवाज फिर तेज हो गयी है। पंजाब की बिगड़ती हालात को अब भी नहीं सुधारा गया तो आने वाले दिनों में कुछ और भी सुनने को मिल सकता है।

फ्री बिजली सब्सिडी पर तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए एक टाइम फ्रेम को सेट किय गया। एलजी का कहना था कि अगर 15 अप्रैल को अंतिम तारिख थी तो फाइल 11 अप्रैल को भेजा गया। और सही बात है अगर देखा जाये तो उनकी बात भी गलत नहीं है। अगर आप किसी चीज़ को एक्जेक्यूट करना है तो उसकी योजना 3 से 4 माह पहले हो जानी चाहिए थी। हमारे घर में भी अगर कोई कार्यक्रम होता है तो उसकी योजना 2 से 3 माह पहले बना ली जाती है ऐसा तो नहीं कि आनन-फानन में किसी कार्यक्रम को एक्जेक्यूट कर लेते हैं। ऐसी दशा में आम आदमी कोई खेला नहीं कर सकती। ऐसी दशा में तो भाजपा ही खेला करती है। इस लिए अब खेला होबेसे कोई नहीं रोक सकता।