विनोद तकियावाला
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सोमवार(17 अप्रैल)को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में अपने भाषण के दौरान बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा निशाना साधा है।मुख्य मंत्री ने सदन में दो कहानी सुनाते हुए – मुर्ख राजा व पढ़े लिखे राजा के दोष व गुण के विषय में कहानी सुनाई।पहली कहानी एक ‘चौथी पास राजा’ की कहानी भी सुनाई।उन्होनें कहानी सुनाते हुए कहा कि “एक महान देश में चौथी पास राजा था।वह बहुत अहंकारी और भ्रष्टाचारी था।कुछ लोगों के कहने पर राजा कुछ भी फैसले ले लेता था। इससे पहले राजा मोहम्मद बिन तुगलक हुआ करता था।वो भी ऐसे ही फालतू के काम किया करता था। राजा ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बैंकों का दो-ढाई लाख करोड़ लूट लिया .।राजा ने अपने विरोध करने वालों को जेल में डालना शुरू कर दिया।आखिर में जनता को राजा की हकीकत पता चल गई और उसने उसे हटाकर एक ईमानदार देशभक्त आदमी को राजा बना दिया और देश खूब तरक्की करने लगा.”‘ऐसे राजा को उखाड़ फेंकों’सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कहानी से प्रेरणा मिलती है कि अगर आपके देश में महंगाई,बेरोजगारी समेत ढेरों समस्याएंऔरसबकुछ गड़बड़ चल रहा है तो सबसे पहले जांच-परख कर देखें कि आपका राजा अनपढ़ तो नहीं हैऔर उसका कोई दोस्त तो नहीं है।अगर है तो सबसे पहले अपने राजा को उखाड़ कर फेंको,वरना आपकी समस्याओं का कोईसमाधान नहीं होगा।सीएमकेजरीवाल ने कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा“धीरे-धीरे राजा को बुरा लगने लगा कि लोग मुझे चौथी पास कहते हैं।इसलिए उसने एक फर्जी डिग्री बनवा ली. राजा कहीं से एम ए० की फर्जी डिग्री बनवा कर लाया और बोला कि मैंने एम ए० किया है।लोगों को यह बात ठीक नहीं लगी कि राजा ने फर्जी डिग्री बनवा ली।लोगों ने आरटीआई डाली।जो भी आर टीआई डालता था,उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया जाता था।एक दिन कुछ लोग चौथी पास राजा के पास गए और बोले कि एक बहुत ही शानदार आइडिया लेकर आए हैं।राजा ने उनको आइडिया बताने को बोला. लोगों ने कहा कि नोटबंदी कर दो,देश से भ्रष्टाचार और आतंकवाद खत्म हो जाएगा।राजा को कुछ समझ नहीं आया कि लोग क्या कह रहे हैं।उसको लगा कि यह कोई धांसू आइडिया होगा।राजा ने एक दिन रात 8 बजे टीवी चैनलों पर आकर नोटबंदी कर दी और बोला कि आज से सारे नोट बंद।इसके बाद पूरे देश में हाहाकार मच गया।लोग तड़प गए,दुकानें-धंधे बंद हो गए।लोग बेरोजगार हो गए. पूरे देश के अंदर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं।नोटबंदी करने से न आतंकवाद खत्म हुआ और ना ही भ्रष्टाचार खत्महुआ,बल्कि वो महान देश बर्बाद होकर 10-20 साल पीछे चला गया”।
“फिर एक दिन कुछ लोग चौथी पास राजा के पास गए और बोले कि ये किसानों के कानून पास कर दो,खेती खूब बड़ी हो जाएगी।अनपढ़ राजा को तो कुछ अक्ल थी नहीं,उसने दस्तखत कर दिए और किसानों के तीन काले कानून पास हो गए।पूरे देश के किसान सड़कों पर आ गए। जगह-जगह धरने होने लगे और एक साल में 750 से अधिक किसानों की मौत हो गई।आखिर में राजा को तीनों काले कानून वापस लेने पड़े।धीरे-धीरे देश की समस्याएं बढ़ती गईं।इससे पहले एक और राजा मोहम्मद बिन तुगलक आया था।वो भी ऐसे ही करता था।उसने कभी देश की राजधानी बदल दी,कभी बोला मैं चमड़े के सिक्के बनाउंगा।उसकी ही तरह यह अनपढ़ राजा था।कुछ भी कर देता था”।केजरीवाल ने कहा कि एक दिन राजा ने सोचा कि मैं तो राजा बन गया,लेकिन पता नहीं मै कितने दिन राजा रहूंगा।उसने तो गरीबी में अपना जीवन गुजारा था। उसे लगा कि पैसे तो कमाने चाहिए. पैसे कैसे कमाऊ।अगर मै पैसे कमाउंगा तो जनता में मेरी छवि खराब होगी।फिर उसने अपने एक दोस्त को बुलाया।उस दोस्त को बोला कि मैं राजा हूं,सारे सरकारी ठेके तुमको दिलाउंगा।नाम तेरा होगा और पैसा मेरा होगा।सारे पैसे पर 10 फीसद तुमको कमीशन मिलेगा।दोस्त मान गया।उसके बाद दोनों ने मिलकर जमकर देश को लूटा।उसका दोस्त उससे बोला कि सबसे पहले बैंकों को लूटते हैं।राजा बोला कि बैंकों को लूटना तो ठीक नहीं है।दोस्त बोला कि ऐसा करते हैं कि आप किसी बैंक के चेयरमैन को बुलाकर मुझे लोन देने के लिए बोलोIराजा बोला कि लोन वापस करना पड़ेगा।दोस्त ने उसे समझाया कि लोन कौन वापस करेगा।लोन वापस नहीं करना है।फिर राजा ने एक बैंक के चेयरमैन को बुलाकर अपने दोस्त को लोन देने के लिए बोला लेकिन बैंक का चेयरमैन फंसने की डर से भाग गया. फिर उन्होंने एक ऐसा चेयरमैन चुना जो बहुत ही भ्रष्टाचारी था और उसके उपर 10 केस चल रहे हैं।राजा ने उससे अपने दोस्त को 10 हजार करोड़ रुपए देने को बोला. राजा ने उसको धमकी दी कि जेल जाना है या पैसे देने हैं।बैंक के चेयरमैन ने 10 हजार करोड़ रुपए का लोन दोस्त को दे दिया।इस तरह राजा और उसके दोस्त ने दो-ढाई लाख करोड़ रुपए बैंकों से लूट लिया।“ “बैंकों को लूटने के बाद राजा और उसके दोस्त ने देश को खरीदना चालू किया।सबसे पहले उन्होंने देश के छह एयरपोर्ट खरीदे, फिर बिजली कंपनियां खरीदी और पूरे देश में बिजली के दाम बढ़ा दिए. फिर उन्होंने सी-पोर्ट,तेल और खदानें खरीद ली।इसके बाद इन्होंने प्राइवेट कंपनी मालिकों के पास पुलिस भेज कर उनकी कंपनियां छीन ली।पूरे देश के अंदर हाहाकार मच गया।
पूरे देश में बहुत ज्यादा महंगाई हो गई।पहले रसोई गैस 400 रुपए प्रति सिलेंडर होती थी लेकिन चौथी पास राजा के आने के बाद वो 1100 रुपए की हो गई।पहले पेट्रोल 71 रुपए प्रति लीटर होता था,उसके आने के बाद 97 रुपए प्रति लीटर हो गया।पहले डीजल 57 रुपए प्रति लीटर होता था,जो 90 रुपए हो गया। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के बाद सारी चीजों के दाम बढ़ गए। दूध पहले 46 रुपए प्रति लीटर होता था, जो 66 रुपए हो गया।इस राजा ने छोटे-छोटे बच्चों के दूध छीन लिए. सरसो का तेल 90 रुपए लीटर होता था,जो 214 रुपए हो गया”।
मुख्यमंत्री ने कहा,“धीरे-धीरे देश में हाहाकार मच गया और अब लोग राजा के खिलाफ आवाज उठाने लगे. तब राजा ने बोला कि जो मेरे खिलाफ बोलेगा,उसको पकड़ कर जेल में डाल दूंगा।राजा ने एक-एक कर आवाज उठाने वाले लोगों को पकड़-पकड़ कर जेल में डालने शुरू कर दिया।किसी ने राजा का कार्टून बना दिया,तो उसको भी जेल में डाल दिया।किसी ने राजा का नाम गलत ले लिया तो उसको भी जेल भेज दिया।किसी टीवी चैनल वाले ने राजा के खिलाफ लिख दिया तो उसको भी पकड़कर जेल में डाल दिया। किसी जज ने राजा के खिलाफ कोई ऑर्डर कर दिया तो उसको भी पकड़ कर जेल में डाल दिया।चौथी पास राजा ने जजों, पत्रकारों,व्यापारियों,उद्योगपतियों समेत किसी को भी नहीं छोड़ा, सबको जेल में डालना शुरू कर दिया और एक महान देश कहां से कहां बदहाली के कगार पर पहुँच गया”
कहानी में केजरीवाल ने नई मोड़ देते हुए एक छोटे राज्य के राजा की कहानी सुनाई।उन्होने सदन मे दूसरी कहानी सुनाते हुए कहा, कि“इसी देश के अंदर एक छोटा सा राज्य था।उस राज्य का एक मुख्यमंत्री था। मुख्यमंत्री अपने लोगों का खूब ख्याल रखता था।मुख्यमंत्री एक कट्टर ईमानदार, एक कट्टर देशभक्त था।मुख्यमंत्री पढ़ा-लिखा था।उस मुख्यमंत्री ने अपने लोगों को महंगाई से छुटकारा दिलाने के लिए बिजली मुफ्त कर दी।उसके बाद चौथी पास राजा पागल हो गया। चौथी पास राजा ने उस मुख्यमंत्री को बुलाकर खूब हड़काया और बोला कि बिजली मुफ्त करने की तेरी हिम्मत कैसे हुई।राजा ने तो सारी बिजली कंपनियों पर कब्जा कर रखा था। उसे लगा कि ये मुख्यमंत्री बिजली मुफ्त करने लगा तो मेरा बेडा गर्क हो जाएगा।मेरी बिजली कंपनियां तो लुट जाएंगी।राजा ने मुख्यमंत्री को कहा कि खबरदार तुमने बिजली मुफ्त की ।लेकिन मुख्यमंत्री नहीं माना।
मुख्यमंत्री ने अपनी जनता गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकारी स्कूल ठीक करने चालू कर दिए।फिर चौथी पास राजा उसको बुलाकर हड़काया।उसने स्कूल ठीक करने का काम बंद करने के लिए कहा,लेकिन मुख्यमंत्री नहीं माना। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सबका इलाज मुफ्त कर दिया।शानदार मोहल्ला क्लीनिक खोल दिए।इसके बाद मुर्ख राजा बिल्कुल पागल हो गया।धीरे-धीरे जनता को पता चला कि उसका राजा कैसा है?एक दिन लोगों ने उस राजा को उखाड़ कर फेंक दिया।लोगों ने एक ईमानदार और देशभक्त आदमी को वहां बैठा दिया।उसके बाद देश से महंगाई खत्म हुई और देश रात-दूनी दिन चौगुनी तरक्की करने लगा”
यह कहानी दिल्ली के लोक प्रिय मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल नें दिल्ली विधान सभा के विशेष सत्र के दौरान सदन में सुनाई।सदन सता पक्ष व प्रतिपक्ष के विधायक मौजूद थें।
इससे पहले विधानसभा सदस्य दिलीप पांडे ने सदन में एक संकल्प पत्र रखाजिसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया।आप को बता दे कि इससे पहले रविवार को दिल्ली के सी एम अरविन्द केजरीवाल वाला को चर्चित शराब घोटाला में सी बी आई के दफ्तर में बुलाकर 9 घंटे में 56 सबाल पुछे गए थें।वही कुछ दिन पूर्व बिहार के मुख्य मंत्री नीतिश कुमार के द्वारा दिल्ली में गैर भाजपा दलों से बातचीत एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे है। जैसा कि विदित है अभी सर्व प्रथम कनार्टक में विधान सभा के चुनाव होने वाला है।इसके अलावे राजस्थान ‘ छतीसगढ ‘ मध्यप्रदेश में भी विधान सभा के चुनाव तथा अगले वर्ष 2024 में लोकसभा का चुनाव होने वाले है।ऐसे में केजरिवाल के ये दोनो कहानी भारतीय राजनीति में कितना असर दार होगी यह तो अभी भविष्य के गर्भ है,लेकिन केन्द्र से सतारूढ भाजपा के विजय पथ में कई अवरोध अवश्य ही पैदा करेगी। खैर मुझे क्या।फिलहाल आप से यह कहते हुए विदा लेते है-ना हो काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर।खबरीलाल तो माँगें,सबकी खैर।