कश्मीर में आतंकवादी सलाउद्दीन के बेटों की संपत्तियां कुर्क: एनआईए

इंद्र वशिष्ठ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर में हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के स्वयं-भू सुप्रीम कमांडर और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के चेयरमैन कुख्यात आतंकवादी सैय्यद मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैय्यद सलाउद्दीन के बेटों की दो संपत्तियों को कुर्क किया है.एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि शाहिद यूसुफ और सैय्यद अहमद शकील की कश्मीर में सोइबुग तहसील, जिला बड़गाम और नरसिंह गढ़, मोहल्ला राम बाग में स्थित अचल संपत्तियों को गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत सोमवार को कुर्क की गई है.

तिहाड़ जेल में बंद-
शाहिद यूसुफ और सैय्यद अहमद शकील क्रमशः अक्टूबर 2017 और अगस्त 2018 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. दोनों को विदेशों से अपने पिता के साथियों और हिज्ब उल मुजाहिदीन के ओवर ग्राउंड वर्कर से पैसा प्राप्त होता रहा है.

पाकिस्तान में है- 1993 में पाकिस्तान भाग गए सैय्यद सलाउद्दीन को अक्टूबर 2020 में भारत सरकार ने नामित आतंकी घोषित किया. सलाउद्दीन वहीं से कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चला रहा है. हिज्ब उल मुजाहिदीन , यूनाइटेड जिहाद काउंसिल और पाकिस्तान स्थित कश्मीर केंद्रित 13 आतंकी गिरोहों के समूह मुत्तहिदा जिहाद काउंसिल के माध्यम से वह सक्रिय है.

आतंक के लिए धन का इंतजाम- सैय्यद सलाउद्दीन कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को उकसाने और संचालित करने के अलावा हिज्ब उल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों को बढाने के लिए व्यापार मार्ग , हवाला चैनल और अंतर्राष्ट्रीय मनी ट्रांसफर चैनल के माध्यम से पैसा जुटा कर आतंकियों को मुहैया करा रहा है.

अभियान – कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए धन एकत्र/ मुहैया कराने वाले आतंकी गिरोहों और उनके हमदर्दों/ समर्थकों के ख़िलाफ़ एनआईए ने साल 2011 में जांच शुरू की थी. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने शुरू में जनवरी 2011 में एक मामला दर्ज किया था, बाद में इस मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था. एनआईए ने पाकिस्तान और अन्य देशों में स्थित लोगों की मदद से कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को धन मुहैया कराने वाले तंत्र को खत्म करने के लिए अभियान चलाया हुआ है.

आतंकियों की संपत्तियां कुर्क- एनआईए ने साल 2018 में कश्मीर के लेथपुरा सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर हमला करने के मामले में भी सोमवार को ही अवंतीपोरा में 6 दुकानें भी कुर्क की. इसी मामले में एक आरोपी के पिता का एक मकान और कुछ जमीन भी सितंबर 2020 में कुर्क की गई. एनआईए ने लेथपोरा, पुलवामा मे सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के मामले में दो आरोपियों के परिजनों की रिहायशी संपत्तियां भी साल 2021 में कुर्क की. इसके अलावा अनिल परिहार और उसके भाई अजीत की हत्या के मामले में भी आरोपियों की रिहायशी संपत्ति कुर्क की.