रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून/नयी दिल्ली : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखंड के विकास में उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ धाम का प्रसाद, गंगा तुलसी, गंगोत्री यमुनोत्री, अलकनंदा और मंदाकिनी का गंगाजल के साथ ही रुद्राक्ष की माला भी भेंट की। डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विकास से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं। जोशीमठ में केंद्र सरकार के सहयोग से राहत कार्य किए जा रहे हैं। वहां स्थिति सामान्य है।
प्रधानंमत्री ने जोशीमठ के संदर्भ में केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से माह अक्टूबर-नवम्बर 2023 में राज्य में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट के उद्घाटन के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने मानसखण्ड के अन्तर्गत जागेश्वर धाम, आदि कैलाश पार्वती सरोवर, ओम पर्वत के दर्शन, लोहाघाट में मायावाती आश्रम की यात्रा के साथ ही सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में जनसम्बोधन एवं विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास के लिए आने का भी प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के दिशानिर्देश में क्षेत्रीय संपर्क योजना के अन्र्तगत राज्य में वायु सेवाओं में उत्तरोतर वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य में हवाई सेवाओं के त्वरित विकास हेतु भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य से सम्बन्धित मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु 243 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु फीजिबिलिटी सर्वेक्षण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने नैनी सैनी एयरपोर्ट का महानिदेशक नागरिक उड्डयन से लाइसेंस नवीनीकरण, एनटीआरओ से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र दिलवाए जाने का अनुरोध किया। देहरादूनपिथौरागढ़ हिण्डन वायु सेवा और देहरादून हल्द्वानी पिथौरागढ़ अल्मोड़ा हेलीकॉप्टर सेवा के सुचारू संचालन के लिए संबंधित को निर्देशित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को 5.5 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यटन कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सेवा क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए माह अक्टूबर / नवम्बर 2023 में राज्य में इन्वेस्टमेंट समिट कराये जाने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने उक्त इन्वेस्टमेंट समिट के उदघाटन के लिए माह अक्टूबर/ नवम्बर 2023 में समय दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुँमाऊ में मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के अन्तर्गत कुँमाऊ मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक/ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देशविदेश से तीर्थयात्री / पर्यटकों को यहाँ आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से मानसखण्ड के अन्तर्गत जागेश्वर धाम, आदि कैलाश/पार्वती सरोवर/ओम पर्वत के दर्शन, लोहाघाट में रामकृष्ण मठ के अद्वैत आश्रम की शाखा९ मायावाती आश्रम की यात्रा के साथ ही सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में जनसम्बोधन एवं विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास के लिए आने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शहरी क्षेत्रों के विकास के अन्तर्गत लगभग 5 से 7 नये शहर विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें प्रथम चरण में उधमसिंह नगर के अन्तर्गत किच्छा में स्थित 2000 एकड़ के पराग फार्म में शहर विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्रालय से रू0 1000 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। यह ग्रीन फील्ड सिटी रूद्रपुर से मात्र 15 कि0मी0 दूरी पर स्टेट हाईवे 47 पर अवस्थित होगी।
नजदीकी रेलवे स्टेशन पंतनगर होगा। यह आर्थिकी की दृष्टिकोण से अमृतसर-कोलकत्ता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से गुजरेगा। इस प्रस्तावित शहर के समीप 200 से 250 एकड़ का नोलेज पार्क तैयार करने का प्रस्ताव है। इस शहर के विकसित होने पर लगभग 7000 करोड़ का निजी निवेश अपेक्षित है, जिसमें 50 हजार लोगों के रोजगार सृजन के साथ ही लगभग दो लाख लोगों की आवासीय व्यवस्था सम्भावित हैं। मुख्यमंत्री ने इस ग्रीन फील्ड सिटी को विकसित करने के लिए अपेक्षित धनराशि अवमुक्त कराने का अनुरोध भी किया।