वीरेंद्र अग्रवाल
कर्नाटक चुनाव में भाजपा की करारी हार का मुख्य कारण मोदी की भाजपा मंडली की जन विरोधी करतूतें ही हैं जिन्हे प्रदेश की जनता भली भांति जान चुकी हैं। इसके बावजूद जे डी एस को पडे मतों में सेंध लगाने से वह चुकी नहीं है और कम से कम 6-7% वोट साजिशन वह खा गईं। मोदी भाजपा ने चुनाव आयोग के निर्देशों की धज्जियां उडाते, प्रदेश चुनाव मे धन बल का भरपूर और रिकार्ड तोड खुले आम प्रयोग किया । इन सभी की बजह से मोदी भाजपा को कम से कम 28 सीटों का लाभ और जेडीएस व कांग्रेस को नुकसान हुआ चुनाव आयोग इसे अनदेखा नही कर सकता। हर स्तर पर गहन जांच जरूरी है। कर्नाटक में जे डी एस का वोट प्रतिशत घटने 13.3% और भाजपा को 36% तक मिल जाने पर हैरानी है । राजनीतिक पंडितों को तह में तो जाना ही चाहिए।
कंगना रनौत , मोदी मंडली के अनुराग ठाकुर की है। उसको ज्यादा अहमियत न देना ही देश हित में है । आंदोलनकारी पहलवानों के बीच कंगना का किसानों ने उसका खुला विरोध कर सही किया , हर कोई उसे और उसकी असलियत को समझ ले और उसकी छद्म चकाचौंध से दूर ही रहे ।
सी बी आई के नए निदेशक की नियुक्ति पर सवाल ?
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व विपक्ष के नेता सार्वजनिक रूप से सपषट करें कि सी बी आई के नए निदेशक प्रवीण सूद की नियुक्ति में उन दोनों का क्या मत था । अगर यह दोनों उनकी नियुक्ति के खिलाफ थे तो प्रधान मंत्री ने सूद की नियुक्ति चि आधार पर कर दी।
लोग अब सत्ता से डर नहीं रहे , इसीलिए अब चौंकाने वाले , सबूत सहित भयंकर राज खुलने और खोलने का समय आ गया है । ई डी , सी बी आई और मोदी मंडली वालो सावधान हो जाएं ।
मोदी की भाजपा सरकार अभी भी , अडानी सहित अपनी अमीर मंडली की खातिर करने में कोई कसर बाकी नही रख रही है। वह यह सब किसानों , कामगारों और लघु व मध्यम उद्यमियों और आम उपभोक्ताओं के हितों को ताक पर रख कर विगत 9 साल करती आ रही है।
मोदी की भाजपा सरकार शेयर मार्केट सरकार ही है , उसने और उसकी अमीर मंडली ने गैर तरीकों से शेयर मार्केट को पूरी तरह से कब्जाया हुआ है । इससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। अतः इस जन विरोधी भाजपा सरकार से देश को जल्द से जल्द छुटकारा पाना जरूरी हो गया है।