नव निर्मित संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन शीघ्र होने की सम्भावना

गोपेंद्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली : नव निर्मित संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन इस महीने के अंत तक होने की सम्भावना है । पुरानेसंसद भवन के आगे तिकोना आकार में बने नए संसद भवन का भवन बनकर लगभग तैयार हो चुका है।

इसके उद्घाटन को लेकर कई क़यास लग रहें है हालांकि, उद्घाटन को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नही आया है कि लेकिन यह शुभ काम 26 मई को हो सकता है, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसाल पहले 2014 में सर्व प्रथम पी एम पद की शपथ ली थी।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 970 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बने नए भवन का उद्घाटनकरेंगे।नए संसद में कई आधुनिक, हाईटेक और सुरक्षा के लिहाज से इंतजाम किए गए हैं।

हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 28 और 30 मई की तिथियाँ भी बताई जा रही है। साथ हो जुलाई में शुरूहोने वाला आगामी मानसून सत्र नए भवन में आयोजित हो भी सकता है और नहीं भी ऐसा भी बताया जा रहा है।सूत्रों ने बताया कि ऐसी अटकलें हैं कि जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों की बैठक इस साल के अंत में नएभवन में हो सकती है। क्योंकि भारत 2023 के लिए जी20 की अध्यक्षता कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसम्बर 2020 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान नएसंसद भवन की नींव रखी थी।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में सेन्ट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना की शुरुआत की थी,जिसमें नई दिल्ली स्थित नएसंसद भवन का निर्माण भी शामिल था। संसद भवन की इमारत में लोकसभा फ्लोर का प्लान राष्ट्रीय पक्षी मोरकी थीम पर रखा गया है।नया संसद भवन पुरानी बिल्डिंग से करीब 17000 वर्ग मीटर बड़ा है। ये बिल्डिंगभूकम्परोधी है. जिसकी डिजाइन इस अनुरूप की गई है।

नया भवन पुराने संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर बड़ा है. इसे 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया गया है।जानकारी के मुताबिक, यह कॉन्ट्रैक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स को 2020 में 861.9 करोड़ रुपये में दिया गया था. जिसकी बाद में लागत करीब 1,200 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई। नई संसद 888 लोकसभा सदस्यों कोबैठाने की क्षमता होगी, जो इसकी वर्तमान क्षमता से 336 अधिक है। इसके साथ ही, यह 384 राज्यसभासदस्यों को समायोजित करेगा, मौजूदा सदस्यों से 139 अधिक है। संयुक्त अधिवेशन में यहाँ 1350सदस्यएक साथ बैठ पाएँगे।

सेन्ट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के अन्तर्गत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क कानवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास, औरएक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्साहैं।