‘खूबसूरत मोड़’ में सिमटी आम आदमी की जिंदगी

प्रभुनाथ शुक्ल

साहित्यकार रामनगीना मौर्य किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। हालिया में प्रकाशित उनका कहानी संग्रह ‘खूबसूरत मोड़’ मध्यवर्ग जीवन के संघर्ष का अनूंठा आईना है। संग्रह में सभी दस कहानियां पाठक को अंत तक बांध रखती हैं। कहानियों को पढ़ने से ऐसा लगता है कि कहानीकार जीवन की विसंगतियों को जिया है। लेखक खुद के जीवन संघर्ष और कटु अनुभवों को अपनी कहानियों में पिरोया है। जब पाठक मौर्य की कहानियों से गुजरता है तो ऐसा लगता है जैसे पात्रों का जीवन उसके जीवन संघर्ष से कहीं न कहीं से जुड़ा है। मध्मवर्गीय जीवन में आने वाली परेशानियां और मामूली बातें किस तरह समस्या बनती हैं उसका चित्रण कहानीकार ने संवाद के जरिए बेहद साफगोई से किया है। देशी कहावतों और मुहावरों के साथ अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग किया गया है।कहानीकार पत्रों के संवाद में रामचरित मानस की चैपाईयों का भी प्रयोग किया है।

मौर्य के नवीनतम कहानी संग्रह में कुल 10 कहानियां हैं। संग्रह की शुरुआत खूबसूरत मोड़ और अंत ‘फैशन के इस नाजुक दौर में’ से होता है। इसके अलावा शास्त्री संगीत, सरनेम, गुरुमंत्र’ आदर्श शहरी, सौदा छुट्टी का एक दिन, हस्बेमामूल जैसी कहानियाँ है। कहानी गुरुमंत्र में नव दंपत्ति के जीवन पर आधारित है। घर में एक नया मेहमान आने के बाद उनकी समस्याओं पर को इस कहानी में उकेरा गया है। तीसरी कहानी सरनेम में मनुष्य के भीतर पल रहे संघर्ष की कहानी है। इसमें आदमी-आदमी से ही किस तरह से एक अघोषित युद्ध लड़ता है यह दिखाया गया है। अपने आगे उसे दूसरों की सफलता पचती नहीं है। खिड़की के उस पार कहानी में जीवन के विविध प्रसंगों को डाला गया है। इस तरह सभी दसों कहानियाँ पाठकों बांध रखती हैं। रामनगीना मौर्य की कहानियों में वर्णनात्मक एवं व्यंग्य शैली भरपुर है।

कहानी ‘खूबसूरत मोड़’ अतीत और वर्तमान का आईना है। हमारे जीवन में कभी-कभी ऐसे बदलाव आते हैं जिन पर हम भरोसा भी नहीं कर पाते हैं। कहानियां पाठक को उबाऊ और बोझिल नहीं लगती। वह आम आदमी के जीवन के रोजमर्रा के संघर्ष की कहानी हैं। जैसा कि लेखक रामगनीना मौर्य खुद मानते हैं कि मेरी कहानियों का विषय बेहद गंभीर नहीं है। जहां हैं जैसा के अधार पर कहानियों की रचना हुई है। कुल मिलाकर लेखक की सभी कहानियां पठनीय हैं। पाठक को यह शुरुवाती दौर से बांधे रखती हैं। हालांकि कुछ कहानियों में व्यंग का अच्छा पुट दिखता है।

लेखक उत्तर प्रदेश की राजकीय सेवा से जुड़े हैं। जिसका असर कई कहानियों में देखने को मिलता है। कहानी। लेखन पेशे से जुड़े होने के नाते लेखक की कई कहानियों में लेखक के कार्य और कार्यालयी प्रसंग का भी समावेश मिलता है। उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने ‘यशपाल’ सम्मान और राज्यकर्मचारी साहित्य संस्थान ने आखिरी गेंद के लिए ‘डा. विद्यानिवास मिश्र’ पुरस्कार से सम्मानित किया है। रामनगीना मौर्य एक सफल कहानीकार और साहित्यकार हैं। ‘खूबसूरत मोड़’ के अलावा आखिरी गेंद, आप कैमरे की निगाह में हैं, सॉफ्ट कॉर्नर, यात्रीगण कृपया ध्यान दें, मन बोहमियन और आगे से फटा जूता जैसे चर्चित कहानी संग्रह हैं। खूबसूरत मोड़ पाठकीय कसौटी पर पूरी खरी है। इस संग्रह में शामिल सभी कहानियाँ साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं प्रकाशित हुईं हैं।

पुस्तकः खूबसूरत मोड़
लेखक : रामनगीना मौर्य
प्रकाशन : रश्मि प्रकाशन
मूल्य: 225 रुपए
समीक्षक : प्रभुनाथ शुक्ल