न्यायमूर्ति एस. मोहन
नीलम महाजन सिंह, द्वारा लिखित काव्य संग्रह ‘ओशन ऑफ लव’; एक अद्वितीय व्यक्तित्व की काव्यात्मक अभिव्यक्ति है। यह एक विद्रोही योद्धा के भीतर की संवेदनशीलता, दर्द और संघर्षशीलता को सामने लाती है। ‘ओशन ऑफ लव’; काव्य संग्रह साँस्कृतिक समाज को इस रूप में परिभाषित करता है जिस से पुन: आत्मविश्वास जागृत हो कर, सिर्फ एक जुनून को व्यक्त करता है। ‘प्रेम का सागर’ के छंदों में ‘रहस्यवाद व ट्रूइज़्म’ गहराई तक जाता है। जबकि टीएस इलियट, टैगोर, वर्ड्सवर्थ, ऑक्टावियो पाज़, पाब्लो नेरुदा, लार्किन्स या सीताकांत महापात्रा की कविताएँ मनुष्य और ब्रह्मांड को सुसंगत दृष्टि से बांधतीं हैं। नीलम महाजन सिंह की कविताएँ किसी भी रूप में मानव जाति पर हो रहे हमलों के खिलाफ बुलंद प्रहार है।नीलम की कविताओं में रहस्यमय पहेली है, जो एक आवर्तक रवैया बन जाता है जिसे अलौकिक के साथ भी पहचाना जा सकता है। नीलम महाजन सिंह की कविता ‘तुच्छ नियति का खंडन’ करती है। ‘ओशन ऑफ लव’, दृश्यमान प्रकाश की तलाश में आध्यात्मिक दुनिया की एक यात्रा है। कवयित्री नीलम, असहिष्णुता व घृणा को दूर कर, भावुकतापूर्ण व अपार भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। वे आक्रामक रूप से एक सड़े-गले हुए, प्रणालीगत आदेश की अवेहलना करती हैं व एक नए समाज के लिए संघर्ष का आह्वान करती हैं। यह पुस्तक सौंदर्य, शैलीगत व सहज व्यक्ति के लिए अपार आकर्षण का सूक्ष्म पारखी है! लेखिका नीलम महाजन सिंह मानवतावाद व महिलाओं के अधिकारों के लिए समर्पित हैं। नीलम ने ‘ओशन ऑफ लव’ को ‘लज्जया देवी व जसवंत राय जी, मेरे माता-पिता, जो आलौकिक सृष्टि से देख रहे सितारे व मेरे पुत्र युवराज सिद्धार्थ सिंह’ को समर्पित की है। नीलम महाजन सिंह पिछले तीन दशकों से सामाजिक न्याय और मानवाधिकार योद्धा हैं। वह एक बहुआयामी महिला हैं। नीलम दूरदर्शन न्यूज़ में एक ‘सिग्नेचर लाइन’ हैैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर रह चुकी हैं। उनके कॉलम, जीर्ण-शीर्ण व्यवस्था के खिलाफ एक अगुआ आवाज़ हैं, जो महिलाओं को समाज में उनके सही स्थान की आकाशवाणी हैैं। नीलम सेंट स्टीफंस कॉलेज के पोर्टल में प्रवेश करने वाली युवा महिलाओं के पहले बैच से हैैं, जो उस समय तक पुरुषों के लिए ही था। अन्ततः इस काव्य संग्रह में, कवयित्री नफ़रत, युद्ध, सामाजिक विघटन, मानवीय संकट में, प्रेम, स्नेह व परोपकार का संदेश दे रहीं हैं। यह पुस्तक अति रचनात्मक व उत्साहवर्धक है।
‘ओशन ऑफ लव’ की कुछ कविताएं :-
1. ‘सबको पत्थर कर दिया है’
(नीलम महाजन सिंह: ओशन ऑफ लव)
वह न देखता व न ही सुनता है
उसके गले में कुछ फंस सा गया है
उसकी आवाज़ सुनाई नहीं देती
वह सभी व्यावहारिक उद्देश्यों
के लिए हकलाता है!
वह बाह्य रूप से पूर्ण पुरुष है
पर यह संभव है कि
वह सिर्फ मात्र पत्थर है?
ऐसा प्रतीत होता है कि यह पुरुष
दीवार की नक्काशी में बदल गया है
मेरा तो दम घुटने लगता है
जहां आदमी को पत्थर माना जाता है
और पत्थर को पूजा जाता है
कृप्या आइए इस अंध विश्वास को देखिए
कुछ लोग एक पत्थर को भगवान
बनाने में कामयाब हुए हैं
अशांत बादल पूर्वाभास देते हैं
एक और झमाझमाता मानसून
पत्थर पहले ही कमज़ोर है
इस बार बांध टूटना तय है
आओ भीड़ में से चुन लें मुट्ठी भर
मूक, चेहरेविहीन दर्शकों को
उस पत्थरों के स्थान को विकृत करें!
मैं पुन: जीतने का संकल्प लेती हूँ
(नीलम महाजन सिंह: ओशन ऑफ लव)
मेरी रात्रि जागृत है
किसी ने किरणें तोड़ी हैं
सपने नींद में ही क्यों आते हैं
तारे क्यों बाहर इंतजार करते हैं
तेरी याद ने मोहब्बत के जख्मों
पर मरहम लगाई है
आज मैंने वो टाँके निकाल दिए हैं
और तुम्हे वापिस दिया वह धागा
जिसने मेरे ज़ख़्मों को सिया था
कितना दर्दनाक है यह?
मेरे प्रेम की पवित्र पुस्तक से
मैंने एक पन्ना फाड़ दिया है
रेगिस्तान से क्यों गुज़रता है
फूलों का कारवां?
मैंने पुन: वापिस जीतने का संकल्प लिया
वह विश्वास जो विलुप्त हुआ
मेरी रात्रि जागृत है
तुम कितने भी दूर क्यों न हों!
(न्यायमूर्ति एस. मोहन, न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया द्वारा समीक्षा)