डॉ.विक्रम चौरसिया
आज देश की बेटियां एक तरफ सफलता के नए-नए आयाम गढ़ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ कई बहने जघन्य हिंसा, अपराध का शिकार हो रही हैं,जो हम सभी ने अभी फिर से शिकार होते दिल्ली में देखा ,आप किसी के हो सके तो मुस्कुराहट का कारण बनो ना की दुःख के ,आखिर आज इंसान को हो क्या गया है? मनुष्य से तो अच्छा जानवर ही है जो अपनो के लिए संवेदनशील है। देखो न फिर एक बार मानवता हो गई न शर्मसार, सड़क पर नाबालिग बेटी को चाकू से गोद कर दुष्ट ने हत्या कर दिया लोग तमाशबीन बन देखते , गुजरते रहे ,इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कितने संवेदनहीन हो गए हैं, इसी का एक नजारा हमें देखने को मिला दिल्ली में चाकु से दुष्ट एक नाबालिग लड़की को गोद रहा था और लोग तमाशबीन बनकर देखते रहे,सोचिए आपके घर की बेटी ,बहन रहती तो ऐसे ही आप देखते रहते ,हम इंसान से ज़्यादा समझ तो फिर जानवरो में है ,आखिर आज इंसान को हो क्या गया है? हम इतने कैसे संवेदनहीन हो सकते हैं, लोगो व मीडिया के मुताबिक वहां के गली से लोग यह घटना होते हुए देखकर भी निकलते, देखते रहे लेकिन किसी ने आगे आकर विरोध नही किया , आते तो शायद साक्षी बच सकती थी,वहां लोग अब बोल रहे हैं कि चाकू से वार करने पर भी साहिल नाम के युवक का जब दिल नहीं भरा तो उसने पास पड़े पत्थर से भी लड़की पर वार किया,फिर ऐसे हैवान के लिए आखिर क्यों लोग चुप चाप तमाशा देखते रहे ?