गोविन्द ठाकुर
पीछले दिनों दो दावे देश में ताल ठोक रहा है। पहला- गृहमंत्री अमित शाह की है जो बता रहे हैं कि 2024 के आमसभा चुनाव में बीजेपी प्लस 450 सीटें जीतेगी। दूसरा- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि 2024 में बीजेपी 100 पर बोल्ड आउट हो जायेगा। दोनों पक्षों के अपने अपने दावे हो सकते हैं, मगर किस तरह, यह समझने की बात है।
2019 के आम चुनाव को लेकर अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी 350 सीटों पर जीत हासिल करेगी… जबकि सूत्रों की माने तो बीजेपी और आरएसएस की एक आंतरिक सर्वे में बीजेपी को महज 150 सीटें आने के अनुमान लगाये गये थे। बीजेपी ने इस सर्वे को लेकर गंभीरता से रणनीति बनाई और नतीजा रहा कि बीजेपी को 303 सीटें हासिल हुई। एकबार फिर से 2024 का आमचुनाव सामने है और फिर से अमित शाह सहियोगी सहित 450 सीट लाने का दंभ भर रहे हैं। इसके अपने दावे हो सकते हैं मगर हम यहां बात कर रहे हैं महागठबंधन के दावों की जो कह रहे हैं कि 2024 में वे मोदी सरकार को सिर्फ 100 सीटों पर रोक देंगे। मगर कैसे- महागठबंधन में शामिल होने वाले सहियोगियों के दावे हैं कि 2019 में बिहार में मोदी के साथ नीतीश कुमार और उनके सहियोगी थे औक चुनाव नीतीश के अगुआई में लड़ी गई थी। नतीजा रहा कि बिहार के 40 सीटों में बीजेपी को 17, जेडियू को 16, एलजेपी को 6, और कांग्रेस को सिर्फ एक सीटों मिली थी। अब मतदान की फिसदी देखें तो बीजेपी को 23.58, जेडियू को 21.81, आरजेडी को 15, कांग्रेस को 7, एलजेपी को 7 फीसदी मिला था। अगर गठबंधन होता है जो कि बिहार में चल भी रहा है तो महागठबंधन को 50 फीसदी से उपर मतदाताओं का रुझान है। ऐसे में महागठबंधन अदिकतर सीटों पर जीत हासिल कर सकती है।
बिहार के साथ साथ दूसरे प्रदेशों में महागठबंधन जातीय जनगणना को मुद्दा बना रही है जो पूरे देश में 30 से 40 फिसदी सीटों को प्रभावित करती है। साथ ही सभी राज्यों के क्षेत्रीय दलों को अपने अपने राज्यों में अगुआई करने की रणनीति बनायी जा रही है जो गठबंधन की ओर से डाईविंग सीट पर होगा। बंगाल में ममता बनर्जी अगुआई करेगीं तो उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव। महाराष्टृ में शरदपवार और उधव ठाकरे करेंगे तो तमिलनाडू में स्टाइलिन। कर्नाटक, एमपी, छतिशगढ, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल, उतराखंड, आंध्रा सहित दूसरे राज्य जहां कांग्रेस सीधे बीजेपी फाईट दे रहा है वहां कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव होगा। महागठबंधन की कोशिश है कि बीजेपी के उन 450 सभी सीटों पर सिंगल उम्मिदवार को उतारा जाये जो बीजेपी को सीधे फाईट दे।बंगाल के 42 सीटें, महाराष्टृ के 48 सीटें , बिहार के 40 सीटें, तमिलनाडू के 39 सीटें, झारखंड के 13 सीटें सहित वह राज्य जहां कांग्रेस बीजेपी को सीधे टक्कर दे रही है। महागठबंधन इस बात को परहेज करने की बात कर रही है कि चुनाव को त्रिकोणीय नहीं बनने देना है। लेकिन यह आसान नहीं दिख रहा है यह सब सीट शोयरींग की मेज पर ही संभव होगा क्योंकि कांग्रेस 350 से कम सीटे नहीं चाहती वहीं ममता, अखिलेश कांग्रेस को कम सीट देने की बात कर रहे हैं तो केजरीवाल और कांग्रेस में सीधे लड़ाई है। वामदलों का भी केरल और बंगाल में कांग्रेस और ममता वनर्जी से छतीश का आंकड़ा है।
अगर सभी बातों पर गौर करें और मान लें कि सभी दलों ने अपने अपने हिस्से का वलिदान किया है तो वास्तव में मुकाबला दिलचस्प होगा क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि अगर सभी दल मिल जायें तो बीजेपी को ये भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। फिर चुनाव बाद बाहरी समर्थक बीजेडी, बीएरएस, जगन के व्वाएसार कांग्रेस, जो बीजेपी को भी साथ दे सकते हैं उनका भी सहियोग सरकार बनाने में ले सकते हैं ।