- एशियाई खेलों के लिए टीम में जगह के लिए हरेक को उपयोगिता साबित करनी पड़ेगी
- जू. एशिया कप चैंपियन टीम की खिलाडि़य़ों की निगाह सीनियर टीम में जगह बनाने पर
- टीम में स्थान पाने की स्वस्थ प्रतिद्वंद्विता हमारी टीम को और मजबूत करेगी
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारतीय सीनियर महिला हॉकी टीम के कोर ग्रुप की 33 संभावित इस साल सितंबर-अक्टूबर तक हांगजू(चीन) में होने एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए साई, बेंगलुरू में फिलहाल 11 जून को शुरू हुए एक महीने के राष्टï्रीय तैयारी प्रशिक्षण शिविर में शिद्दत से पसीना बहा रही हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए अगले साल 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए सीधे क्वॉलिफाई करने के लिए हांगजू में होने वाले एशियाई खेलों स्वर्ण पदक जीतना अहम है। भारतीय महिला हॉकी टीम स्पेन हॉकी फेडरेेशन की सौवीं जयंती के मौके पर 25 से 30 जुलाई तक तक स्पेन मेंआयोजित किए जाने वाला चार देशों का हॉकी टूर्नामेंट एशियाई खेलों की तैयारियों के मद्देनजर अपने संयोजनों और कौशल को आजमाने का मौका है। भारतीय महिला हॉकी टीम स्पेन में होने वाले चार देेशों के टूर्नामेंट में मेजबान स्पेन, दक्षिण अफ्रीका , इंग्लैंड के खिलाफ खेलेगी।
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया ने कहा, ‘स्पेन में होने वाला चार देशों का यह हॉकी टूर्नामेंट हांगजू में एशियाई खेलों की तैयारी के लिए हमारी भारतीय हॉकी टीम के लिए अहम है। यह टूर्नामेंट हमें यह जानने में मदद करेगा कि बतौर टीम बेहतर होने के लिए हमें किन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। हम स्पेन में चार देशों के इस टूर्नामेंट में दुनिया की कुछ शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलेंगे। इस लिहाज से स्पेन में होने वाला हॉकी टूर्नामेंट हांगजू एशियाई खेलों से पहले हमारी टीम की अग्नि परीक्षा होगा। हमारा ध्यान फिलहाल राष्टï्रीय शिविर में हर सत्र में अपना सर्वश्रेष्ठï देने पर है। इससे हमें अपनी रणनीति और ढांचे को एशियाई खेलों से पहले बेहतर करने में मदद मिलेगी। हम यह जानते हैं कि हमारे कोच हमसे बतौर टीम क्या उम्मीद करते हैं और इससे हमारा काम आसान हो जाता है। हमें अभी भी हर अभ्यास सत्र में पूरी शिद्दत से मेहनत करने की जरूरत है क्योंकि हम इस हकीकत से वाकिफ हैं कि हम अभ्यास सत्र में जितनी ज्यादा मेहनत करेंगे हम टूर्नामेंट में उतना कम संघर्ष करना पड़ेगा।
वह कहती हैं, ‘अब हमारी टीम की हर खिलाड़ी को एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम में स्थान बनाने के लिए अपनी उपयोगिता साबित करनी पड़ेगी। हमारी हाल ही में जापान में जूनियर महिला हॉकी एशिया कप जीतने वाली टीम में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और वे बेशक सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम में जगह बनाने पर निगाहें लगाए हैं। ऐसे में कोई भी खिलाड़ी टीम में अपनी जगह पक्की मान कर नहीं चल सकती। हर खिलाड़ी के पास एशियाई खेलों के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम में जगह बनाने का मौका है। मेरा मानना है कि भारतीय महिला टीम में स्थान बनाने के लिए इस तरह की स्वस्थ प्रतिद्वंद्विता ही हमारी टीम को और मजबूत बनने में मदद करेगी।’
सविता पूनिया भारतीय हॉकी टीम के हाल ही के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर प्रदर्शन की बाबत कहती हैं, ‘ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ के खिलाफ पांच मैचों में पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमारा प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। इस बात को समझा भी जा सकता है क्योंकि हमारी टीम चार महीने के बाद अंतर्राष्टï्रीय हॉकी खेल रही थी और इसीलिए हमारी टीम को आपस में तालमेल बैठाने में कुछ दिक्कतें पेश आईं। बावजूद इसके हमारी टीम ने अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जूझने का माद्दा दिखाया। हमारा यही जीवट अब हमारी टीम का चरित्र बन गया है। अब हम टीम के रूप में खेल कर चमकते हैं और मिलकर प्रतिद्वंद्वी टीम को कड़ी टक्कर देते हैं। हमारा टीम के रूप में यही जीवट हांगजू एशियाई खेलों में हमारी ताकत साबित होगा।’