डॉ. मनजीत कौर
स्वयं को जानने की कला है योग,
शरीर और आत्मा का मिलन है योग।
प्रकृति से जोड़ने की कोशिश है योग
जीवन में संतुलन की परिभाषा है योग।।
खुले आसमाँ में शांति की खोज है योग
इस धरती से जुड़े रहने की सोच है योग।
स्वस्थ रहने की बेजोड़ कला है योग
अध्यात्म को जानने की कोशिश है योग।।
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की क़वायद है योग
तनाव रहित जीवन की सरल राह है योग।
आज विश्व में हर घर की ज़रूरत है योग
स्वस्थ नागरिक स्वस्थ राष्ट्र की परिकल्पना है योग।।
संकीर्ण विचारों पर लगाम लगाता है योग
अच्छे विचारों को संग्रहित करता है योग।
विश्व भर में मची उथल-पुथल को रोक सकता है योग
वसुधैव कुटुंबकम की भावना भरता है योग।।
मोटापा रक्तचाप तनाव अवसाद से लड़ सकता है योग
बहुत सारी बीमारियों से दूर रख सकता है योग।
सुंदर प्रकृति का दिग्दर्शन है योग
आयुर्वेद का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं योग।।
पर्यावरण को जानने की जुगत है योग
प्रकृति प्रेम से ही शुरू हुआ है योग।
शरीर और मन स्वस्थ बनाता है योग
खुद से प्रेम करना सिखाता है योग।।
(लेखक डॉ. मनजीत कौर, बीकानेर हॉउस,नई दिल्ली में प्रभारी एवं वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी है)