- कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी का पुनर्गठन अभी भी अधरझूल में
राजस्थान से गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट
राजस्थान विधान सभा चुनाव में अब मुश्किल से कुछ महीनों का समय ही बचा है लेकिन प्रदेश की दोनों प्रमुखपार्टियाँ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अपने संगठन को अभी भी सही ढंग से दूरस्त नही कर पा रहीं है। इसमध्य आखिर शनिवार रात को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपीजोशी की नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस अभी भी इस मामले में फिसड्डी ही साबित हुईहै। गोविन्द सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किए दो वर्ष से अधिक समय गुजर गया लेकिन कांग्रेस कोअभी भी अपनी प्रदेश कार्यकारिणी का पुनर्गठन और ज़िला अध्यक्षों की नियुक्ति आदि काम करने बाकी है।उदयपुर चिन्तन शिविर में लिए गए निर्णय के अनुसार एक व्यक्ति एक पद का फ़ार्मूला तय किया गया थालेकिन आज भी कई मंत्री प्रदेश पदाधिकारी बने हुए है। गहलोत और पायलट गुटों के मतभेद के चलते यहकार्य अभी तक नही हो पाया है। पिछलें दिनों डोटासरा ने 85 सचिवों की नियुक्ति की थी लेकिन पायलट ग्रूपके एतराज से कांग्रेस हाईकमान ने उसे रोक दिया।इसी तरह युवक कांग्रेस और अन्य सहयोगी संगठन कीनियुक्तियाँ भी सिरे पर नही चढ़ पाई हैं।
नई प्रदेश कार्यकारिणी का पुनर्गठन करने और इसकी घोषणा के मामले में राजस्थान भाजपा ने इस बारकांग्रेस से बाजी मार ली है हालाँकि जाट नेता और विधायक दल के उप नेता डॉ सतीश पूनियाँ के स्थान परचितौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बने भी तीन माह का समय हो गया हैं।
भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी में सांसद बालक नाथ, सुखबीर सिंह जौनपुरिया,पूर्व केंद्रीय मंत्री सी आरचौधरी,पूर्व सांसद नारायण पंचारिया और पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी के अलावा मुकेश दाधीच,जितेंद्र गोठवालऔर सरवन बागड़ी आदि को उपाध्यक्ष बनाया गया है। राजस्थान आवासन मंडल के पूर्व अध्यक्ष अजय पालसिंह को भी पूर्व की भांति उपाध्यक्ष ही रखा गया है। सांसद दीया कुमारी और भजनलाल शर्मा को भी पूर्व कीतरह महामंत्री ही रखा गया है।इनके अलावा पंकज गुप्ता को कोषाध्यक्ष और डॉ श्याम अग्रवाल को सहकोषाध्यक्ष घोषित किया गया है।
सी पी जोशी की नई टीम में बीस नए चेहरों को शामिल किया गया है।वहीं पुरानी टीम के 15 पदाधिकारियों कोबाहर किया गया हैं। पुरानी टीम में से विधायक चन्द्रकांता मेघवाल,मदन दिलावर,नारायण सिंह देवल के साथही पूर्व विधायक सुशील कटारा सहित माधोराम चौधरी,अशोक सैनी,महेंद्र यादव मधु कुमावत कन्हैया लालमीणा आदि को बाहर रखा गया हैं।जबकि नौ लोगों को बरकरार रखा गया है जिनमें सांसद दीयाकुमारी,सरदार अजय पाल सिंह, मुकेश दाधीच, विजेंद्र पूनियाँ, पंकज गुप्ता और डॉ श्याम अग्रवाल शामिलहैं। नई टीम में भजन लाल शर्मा एक मात्र ऐसे नेता है जो लगातार चार प्रदेश अध्यक्षों अशोक परनामी,दिवंगतमदन लाल सैनी और डॉ सतीश पूनियाँ के साथ भी थे।जितेंद्र गोठवाल और श्रवण सिंह बाँगड़ी को प्रमोट करप्रदेश मंत्री से उपाध्यक्ष बनाया गया है।
गुर्जर और माली वोटरों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेसी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलटके तौड के रूप में माली एवं गुर्जर नेताओं को भी नई टीम में जगह दी गई है। नई टीम में प्रदेश में सर्वाधिक 55 प्रतिशत वोट बैंक वाले ओबीसी वर्ग के दस नए चेहरों को भी शामिल कर कांग्रेस में मुख्यमंत्री और प्रदेशअध्यक्ष दोनों के ओबीसी वर्ग से होने की काट खोजी है।विशेष कर इसमें भी जाट समुदाय को वरियता दी गईहै।
सी पी जोशी की नई टीम में आने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग परविशेष ध्यान रखा गया है। ओबीसी के साथ ही एसटी एससी और सामान्य वर्ग की जातियों का ख़्याल भीरउखा गया है।टीम में जाट राजपूत गुर्जर मीणा विश्नोई ब्राह्मण महाजन बनिया मेघवाल देवासी सहित अन्यसभी जातियों को साधने का प्रयास किया गया है। दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल के प्रतिनिधियों कोभी सी पी जोशी की नई टीम में स्थान दिया गया है।