दीपक कुमार त्यागी
- यमुना नदी ने गाजियाबाद जनपद के लोनी क्षेत्र में दिखाया अपना रौद्र रूप, क्षेत्र में बने बाढ़ के हालात।
गाजियाबाद : यमुना नदी के रौद्र रूप की पीड़ा को दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के लोग अब झेल रहे हैं। बुधवार की शाम को जिस समय देश की सारी मीडिया दिल्ली की बाढ़ को पूरी तत्परता के साथ दिखाने का कार्य कर रही थी, उसी समय गाजियाबाद जनपद की लोनी तहसील के सुंगरपुर गांव के सामने पुश्ता टूटने से क्षेत्र में बाढ़ आने का अचानक ही बड़ा खतरा पैदा हो गया है। सूत्रों के अनुसार लेकिन क्षेत्र के निवासियों तुरंत ही कटते हुए पुस्ते को रोकने के लिए अपने स्तर से प्रयास शुरू करते हुए, गाजियाबाद के सांसद जनरल डॉक्टर वी.के. सिंह व प्रशासन को अवगत करवाया, मामले की गंभीरता को समझते हुए जनरल डॉक्टर वी.के. ने तुरंत ही स्थानीय प्रशासन को बचाव के लिए तत्काल आवश्यक दिशा-निर्देश देने का कार्य करते हुए घटनास्थल पर अपने प्रतिनिधि के रूप में कुलदीप चौहान को एनएचएआई की टीम के साथ भेजा, जिन्होंने स्थल पर पहुंचकर के तत्काल ही पुस्ते के कटाव को रोकने के लिए प्रभावी आवश्यक कदम उठाते हुए पुस्ते में हुए कटाव को भरकर के बंद करवाने का कार्य करके, क्षेत्र के लोगों को राहत प्रदान करने का कार्य किया। जिसके बाद शासन-प्रशासन व लोनी क्षेत्र के ग्रामवासियों ने राहत की सांस ली थी।
लेकिन अफसोस क्षेत्रवासियों की यह उम्मीद ज्यादा लंबी ना टिक सकी, नाम ना छापने की शर्त पर क्षेत्रवासियों का स्पष्ट कहना है कि गुरुवार को एकबार फिर से जिले की लोनी तहसील के ग्राम सुभानपुर के पास बागपत जिले में यमुना के पुस्ते में कटाव शुरू हुआ, जिसके बारे में क्षेत्रवासियों के द्वारा तत्काल प्रशासन को सूचना दी गयी, जिससे पता चला की यह क्षेत्र सिंचाई विभाग बागपत के अन्तर्गत आता है, लेकिन पूरे दिन सिंचाई विभाग बागपत केवल तमाशबीन बनकर तमाशा देखता रहा, सिंचाई विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैए व भयंकर लापरवाही के चलते धीरे-धीरे यमुना का पुस्ता पूरी तरह से बागपत क्षेत्र में टूट गया, लेकिन पानी का ढलान जिला गाजियाबाद की तरफ होने के चलते लंबे समय के बाद एकबार फिर गाजियाबाद जनपद में बाढ़ आने का धब्बा लग गया और क्षेत्र के लाखों लोगों का जान-माल संकट में फंसकर दांव पर लग गया। हालांकि गाजियाबाद के सांसद जनरल डॉक्टर वी.के. सिंह स्वयं लगातार पल-पल की स्थिति पर पैनी नज़र रखें हुए थे, उन्होंने गाजियाबाद जनपद के प्रशासन को पहले से ही किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद कर रखा था, जिसके फलस्वरूप ही बहुत कम समय में गांव के गांवों को खाली करवा कर लोगों को तत्काल ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया, जिसे जनपद में बाढ़ के चलते किसी परिवार को कोई जान की हानि नहीं हुई। लेकिन फिर भी अब आलम यह हो गया है कि यमुना पुस्ता टूटने के कारण यमुना नदी का जल बहुत तेजी से लोनी क्षेत्र के एक-एक गांव को जल में डुबोकर लीलने के लिए तैयार नज़र आ रहा है। लोनी क्षेत्र के सुभानपुर अलीपुर, मीरपुर, सुंगरपुर, पचायरा आदि गांवों की तरफ से यमुना का जल तेजी से बढ़ता हुआ अब लोनी के ट्रोनिका सिटी व उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की मंडोला विहार योजना व अन्य कॉलोनियों में भरने लग गया, क्षेत्र में पूरी तरह से बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं और लोगों दिलोदिमाग में गहरे ज़ख़्मों व सदमे के साथ-साथ यह बाढ़ अपने पीछे बहुत सारे सवाल छोड़ गयी है कि आखिरकार क्यों पूरे दिन बागपत का सिंचाई विभाग व प्रशासन मूकदर्शक बनकर बाढ़ की तबाही आने का इंतजार करता रहा।