प्रस्तुति- सीमा सिंह
शिक्षा, साहित्य एवं पारम्परिक भारतीय मूल्यों को समर्पित संस्था ‘हिंदी लेखक संघ’ के तत्त्वाधान में ‘दिल्ली/राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र’ के जीवन पार्क उत्तम नगर, नई दिल्ली में दिनांक 16 जुलाई 2023 को ‘लघुकथा-संगोष्ठी’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक वरिष्ठ कथाकार एवं आलोचक श्री संदीप तोमर थे।
यह विशेष साहित्य-संगोष्ठी हर्ष कान्वेंट स्कूल, जीवन पार्क, नई दिल्ली पर रखी गई। कार्यक्रम में स्कूल-प्रबंधक और स्कूल की प्रधानाचार्या भी उपस्थित रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ लघुकथा एवम् कहानीकार सुभाष नीरव जी ने की। मुख्य अतिथि अनिल शूर आज़ाद तथा विशिष्ट अतिथि विविध विधाओं के सिद्धस्थ किशोर श्रीवास्तव रहे। सुरेंद्र कुमार अरोड़ा (संपादक- मृग मरीचिका, साहिबाबाद) की विशिष्ट उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम का कुशल मंच-संचालन सीमा सिंह ने किया।
इस आयोजन में उपस्थित रचनाकारों द्वारा अपनी लघुकथाएं पढ़ी गईं। रचनाकारों में अंजू निगम, जानकी बिष्ट वाही, नीतीश कुमार, शालिनी कपूर, पूनम चौहान, नीलिमा शर्मा, नेहा नाहटा, सतीश खनगवाल, युवा कवि शिवा ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को सार्थकता प्रदान की।
इसी क्रम में सार्थक साहित्यिक-चर्चा हुई, जिसके माध्यम से वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा नवलेखकों को यथोचित मार्गदर्शन भी दिया गया।
इस कार्यक्रम में जहाँ लघुकथाकारों ने लघुकथा पाठ किया वहीं सुभाष नीरव जी ने लघुकथा के विधान और शिल्प पर अपना आख्यान प्रस्तुत करके नवलेखकों को लघुकथा लेखन के गुर सिखाये। साथ ही अपनी प्रयोगात्मक सशक्त रचना का लघुकथा-पाठ करके कार्यक्रम को विशेष सार्थकता प्रदान की। अनिल शूर आज़ाद ने लघुकथा के आकार की लघुता पर विशेष बल दिया। वहीं किशोर श्रीवास्तव ने लेखन के लंबे काल पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं की भागीदारी की भरपूर प्रसंसा की।
युवा कवि नितीश तिवारी ने जहां अपनी “ग़जलों” से समा बँधा वहीं स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम ने अपनी प्रथम लघुकथा पढ़कर संदेश दिया कि उनके पास कथानक को शब्दों में पिरोने की अद्भुत कला है।
जलपान सत्र के दौरान विधा के विविध पहलुओं, यथा- लघुकथा और कहानी में मौलिक अंतर इसकी पठनीयता, लघुकथा-विकास के विविध आयाम आदि विषयों पर संक्षिप्त चर्चा भी हुई।
इस अवसर पर सुभाष नीरव सहित अधिकांश वक्ताओं ने विशेष रूप से लघुकथा के विकास और प्रसार के लिए संदीप तोमर के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के भागीरथ प्रयास निश्चित रूप से लघुकथा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगे। संदीप तोमर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया साथ ही मासिक गोष्ठी की रूपरेखा के साथ आगामी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवलेखन से जुड़े लोग आने वाले समय का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इस अवसर पर वरिष्ठ एवम् नवोदित रचनाकारों को प्रशस्ति पत्र व सन्दीप तोमर जी की प्रकाशित पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम आयोजक सन्दीप तोमर जी की तीन पुस्तकों उपन्यास दीपशिखा, कविता संग्रह परमज्योति व सुकून की तलाश का लोकार्पण भी हुआ।