नीति गोपेंद्र भट्ट
नई दिल्ली।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत को विश्व पटल पर सबसे मज़बूत राष्ट्र बनाने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव में हर भारतीय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भावना के अनुरूप अपना योगदान प्रदान करने का संकल्प लेना होगा । विशेष कर अपनी गौरवशाली परम्पराओं का निवर्हन करने वाले राजस्थानियों को इसके लिए सबसे आगे आकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
बिरला शुक्रवार की रात नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित चिन्मय मिशन में प्रवासी राजस्थानियों के फ़ेडरेशन राजस्थान संस्था संघ द्वारा आयोजित राजस्थान दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
समारोह में सांसद साक्षी महाराज , सुनिता दुगल,भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजु , पूजा मिश्रा सहित कई देशों के राजदूतों और डिप्लोमेटसआदि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदियों पहलें से ही प्रवासी राजस्थानी देश दुनिया के हर कोने में जाकर में बसे है और वे जहाँ कही गए है उन्होंने उस प्रदेश और देश की प्रगति में अतुलनीय योगदान दिया है। कोराना के विकट काल में भी प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर सभी ने पीड़ित मानवता की सेवा की है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं राजस्थान से हूँ और मुझे इस पर गर्व है।
बिरला ने संस्था संघ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रवासी संगठन जन्म भूमि से दूर अपने रचनात्मक कार्यों से सभी को भावनात्मक रुप से एक मंच पर संजो रहें है, यह एक बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि राजस्थान साहस, शौर्य त्याग, बलिदान और वीरों से भरपूर शक्ति और भक्ति की धरती है। यहाँ महाराणा प्रताप,सम्राट पृथ्वीराज,महाराजा सूरजमल जैसे शूरवीर पैदा हुए ।इसी तरह स्वामी भक्ति के लिए अपने बेटे की आहूति देने वाली पन्ना धाय जैसी त्याग की प्रतिमूर्ति और भामाशाह जैसे
दानवीर हुए ।राजस्थान के कई ऐसे बेजोड़ उदाहरण विश्व में कही नही मिलते। राजस्थान में मीरा बाई जैसी भक्तिमयी महिला ने जन्म लिया और अन्य कई महापुरुष हुए।प्रदेश के अनेक लोक देवताओं के प्रति लोगों की आस्था देखने योग्य है। सेकडों किलोमीटर पैदल चल सीमावर्ती जैसलमेर के राम देवरा तक पैदल चल कर जाने वाले श्रद्धालुओं जैसी मिसाल अन्य कहीं नही देखी जा सकती। प्रदेश की बहुरंगी संस्कृति अनूठी है। बिरला ने प्रवासियों का आहवान किया कि वे अपने देश और प्रदेश को कभी नही भूलें और सुख दुःख में भागीदार बने।
लोकसभा अध्यक्ष ने इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवाएँ देने वाले व्यक्तियों पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता, उध्यमी पूजा खेमका,सिद्धार्थ खण्डेलवाल एवं सचिन गुप्ता,गायक अमरीश मिश्रा,वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय सोनकर और डॉ राज कुमार,आरएएस अधिकारी प्रियंका यादव,समाजसेवी माधो सिंह राजपुरोहित,राम अवतार क़िला तथा ज्योतिष वास्तु विशेषज्ञ डॉ सुमित अग्रवाल को बुके दुपट्टा शाल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।प्रारम्भ में संस्था के अध्यक्ष सुरेश खण्डेलवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा तीस मार्च को प्रति वर्ष राजस्थान स्थापना दिवस समारोह का आयोजन शुरू करने से पूर्व ही यह कार्यक्रम आयोजन का श्रेय संस्था संघ को है।
राजस्थानी भाषा को मान्यता
उन्होंने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने की कई वर्षों की माँग के आज़ादी के अमृत वर्ष में पूरी होने की उम्मीद जताई और कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलने से राजस्थान के युवाओं को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में फ़ायदा मिलेगा। साथ ही रोज़गार के नए अवसर खुलेंगे।
खण्डेलवाल ने राजस्थान के हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने और तेरह जिलों के लिए जीवनदायी मानी जाने वाली ईस्टर्न राजस्थान केनाल को राष्ट्रीय परियोजना बना केन्द्रीय सहायता प्रदान करने की माह रखी। उन्होंने संस्था के संस्थापक स्व राम निवास मिर्धा और स्व जय नारायण खण्डेलवाल स्मरण कर उन्हें भावभीनी श्रधांजलि अर्पित की। मुख्य संरक्षक डॉ एस एन चांडक,महामन्त्री के के नरेडा, सयुंक्त महामंत्री गौरव गुप्ता, कोषाध्यक्ष के एम गुप्ता,संयोजक गोपेंद्र नाथ भट्ट आदि ने अतिथियों का स्वागत किया ।
इस अवसर पर मन मोहक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया।