बरसात से जनति रोगों में भी बेहद कारगर है होम्योपैथी – डॉक्टर योगेंद्र राय

दीपक कुमार त्यागी

देश में बरसात का मौसम चल रहा है, हर वर्ष की तरह ही मौसम में बदलाव होने पर लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारियां अपनी चपेट में लेना का कार्य कर रही है, ऐसी स्थिति में लोग देश में प्रचलित विभिन्न पैथी से अपनी बीमारी का इलाज करवाते हैं, लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो कि हर हाल में होम्योपैथी से ही अपना इलाज करवाना चाहते हैं, इस विषय पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार त्यागी ने होम्योपैथी पर अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले “डॉक्टर राय होम्योपैथिक केयर एंड रिसर्च सेंटर, वसुंधरा गाज़ियाबाद” के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर योगेंद्र राय, भूतपूर्व सलाहकार होम्योपैथी, राष्ट्रपति भवन। भूतपूर्व, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से विस्तार से चर्चा की, सम्मानित पाठकों के लिए पेश है उस चर्चा के कुछ प्रमुख अंश :-

सवाल – बरसात के मौसम में जीवाणुओं व कीटाणुओं की हर तरफ भरमार रहती है, जिसके चलते इस समय अचानक पैदा होनी वाली बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है, उन बीमारियों में होम्योपैथी कितनी कारगर है।

जवाब – बरसात के मौसम में देश में त्वचा रोग, बुखार, विभिन्न तरह का इंफेक्शन, पीलिया व परजीवी जीवाणु विभिन्न प्रकार के रोगों को उत्पन्न करने का कार्य करते हैं, जरा सी लापरवाही बरतने पर ही कभी-कभी पूरा परिवार तक भी इन मौसमी रोगों की चपेट में आ जाता है, इन सभी बीमारियों का इलाज करने में होम्योपैथी पूरी तरह से सफल है।

सवाल – इस सीजन में लोगों को उल्टी, दस्त, बुखार, टायफाइड, मलेरिया, पीलिया, आईफ्लू जैसी बीमारियां जरा सी लापरवाही होने पर ही पकड़ लेती हैं, ऐसा क्यों होता है और इन बीमारियों में मरीज को होम्योपैथी के इलाज से स्वस्थ किया जा सकता है।

जवाब – बरसात के मौसम में देश मे़ जगह-जगह जलजमाव होने के कारण विभिन्न प्रकार के मच्छरों व परजीवी जीवाणु की भरमार होने के चलते, यह मौसम बहुत सारी विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए बेहद अनुकूल बन जाता है, किसी भी व्यक्ति के द्वारा साफ़-सफाई, खान-पान में जरा भी लापरवाही बरतने पर उसको बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं, इस समय मच्छरों की प्रजनन दर में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हो जाती है, जिसके चलते मच्छरों के काटने से लोगों को चिकनगुनिया, डेंगू व मलेरिया बुखार हो जाता हैं, डेंगू में सामान्यत: तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द एवं शरीर पर लाल-लाल दाने हो जाते हैं, चिकनगुनिया में तेज बुखार के साथ जोड़ों में असहनीय दर्द एवं अकड़न हो जाती है, जिससे मरीज को उठना बैठना एवं नित्य कर्म करना भी मुश्किल हो जाता है, मलेरिया मे शरीर में कपकपी के साथ तेज बुखार होता है। लक्षणो के आधार पर चयनित इन मौसमी बीमारियों में होम्योपैथिक औषधि बहुत ही कारगर है, होम्योपैथी में इनका सफलता पूर्वक इलाज किया जाता है, बहुत कम समय मे ही रोगी रोग मुक्त होकर के पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। मौसमी बीमारियों के इलाज में होम्योपैथिक दवाएं अत्यंत कारगर हैं।

सवाल – आम जनमानस में धारणा है कि होम्योपैथी बहुत देर से असर करती है, सत्यता क्या है।

जवाब – जटिल एवं क्रोनिक रोगी होम्योपैथिक चिकित्सा के लिये चिकित्सक के पास जाते है और ऐसे रोगियों को चिकित्सक को लंबी अवधि तक दवाएं देनी पड़ती है, जिससे आम जनमानस में यह एक आम धारणा बन गयी है कि होम्योपैथी देर से असर करती है, जबकि सत्यता यह है कि मौसमी एवं अक्यूट बीमारियों में होम्योपैथिक औषधिया त्वरित असर करती है तथा रोगी मात्र 2 से 3 दिन में ही पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है।

सवाल – यदि बरसात के मौसम की बीमारियों में सही दवा, सही समय पर होम्योपैथी की रोगी को मिल जाए तो कितने समय में रोग की तीव्रता को कम किया जा सकता है।

जवाब – किसी योग्य चिकित्सक के उचित परामर्श से उपयुक्त होम्योपैथिक औषधि सेवन से 3 से 5 दिन में रोगी पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है तथा उसको दवाई से कोई भी साइड इफ़ेक्ट भी नही होता है।

सवाल – क्या आपातकालीन स्थिति में होम्योपैथी की दवाओं के साथ अन्य पैथी की दवाएं ली जा सकती है।

जवाब – चिकित्सक के परामर्श से किसी भी अन्य पैथी कि दवाओं क़े साथ-साथ होम्योपैथिक औषधि का सेवन किया जा सकता है, कोई विरोधाभाष नही है।

(नोट यह चिकित्सक के अपने विचार हैं)