प्रदीप शर्मा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एक भविष्यवाणी की. लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अगले साल 15 अगस्त को फिर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करने आएंगे. पीएम मोदी ने कहा कि वह देश के लिए जीते हैं और जनता का दुख नहीं देख सकते।
पीएम मोदी ने कहा, “साल 2014 में मैंने परिवर्तन लाने का वादा किया था. आप देशवासियों ने मुझपर भरोसा किया. मैंने आपसे किए वादे को विश्वास में बदल दिया. 2019 में परफोर्मेंस के आधार पर आपने फिर मुझे आर्शीवाद दिया. परिवर्तन ने मुझे दोबारा मौका दिया. मैं आपका हर सपना पूरा करूंगा. मैं अगले 15 अगस्त को फिर आऊंगा. मैं आपके लिए ही जीता हूं. मैं अगर पसीना बहाता हूं, तो आपके लिए बहाता हूं, क्योंकि आप ही मेरा परिवार हैं. मैं आपका दुख नहीं देख सकता.”
उन्होंने कहा कि 2014 में हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे, आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरूषार्थ रंग लाया और हम विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था बन चुके हैं, यह ऐसे ही नहीं हुआ है, हमने लीकेज बंद किया, मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई, गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सालों में सरकार ने भ्रष्टाचारियों की जो संपत्ति जब्त की है वह पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा है. उन्होंने कहा, “आपकी कमाई का यह पैसा लोग लेकर भागे थे. 20 गुना ज्यादा संपत्ति को ज़ब्त करने का काम किया है हमने. इसलिए ऐसे लोगों की मेरे प्रति नाराजगी होना स्वाभाविक है, लेकिन मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाना है.”
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और परिवारवाद को विकास का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा कि अगर देश विकास चाहता है, अगर देश 2047 में विकसित भारत का सपना साकार करना चाहता है, तो हमारे लिए आवश्यक है कि हम किसी भी हालत में देश में इन्हें सहन नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते समय इस बार सुप्रीम कोर्ट की भी तारीफ की. पीएम मोदी ने क्षेत्रीय भाषाओं में अदालती फैसलों को उपलब्ध कराने की मुहिम का मुद्दा उठाया, तो समारोह में मौजूद सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने इस तारीफ पर हाथ जोड़कर सबका अभिवादन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बच्चे मातृभाषा में पढ़ सकें, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का भी धन्यवाद करते हैं।
पीएम मोदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब वो जो फैसला देंगे, उसका जो ऑपरेटिव पार्ट उसी भाषा में होगा जिसमें वो आया है. लाल किले की प्राचीर से इस तरह पीएम द्वारा सुप्रीम कोर्ट की तारीफ करना अनूठी बात ही है. भारतीय गणतंत्र की 73वीं वर्षगांठ पर एक हजार से ज्यादा फैसलों का अनुवाद अपलोड किए जाने से हुई नई शुरुआत अब काफी आगे बढ़ चुकी है. देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की देखरेख में ये काम तेज से हो रहा है।
इसी साल गणतंत्र दिवस और अपने स्थापना दिवस को और यादगार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को एक हजार से ज्यादा फैसलों का दस भाषाओं में अनुवाद जारी कर इसकी शुरुआत की थी. इनमें हिंदी के अलावा ओड़िया, गुजराती, तमिल, असमी, खासी, गारो, पंजाबी, नेपाली और बांग्ला में भी किया जा रहा है. बाद में इसका दायरा और भाषाओं तक बढ़ाया जाएगा. इंसाफ के लिए कतार में खड़े देश के अंतिम नागरिक तक न्यायालय और इसके फैसले की पहुंच सरल करने की देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की मुहिम अब तेज हो चली है।