रक्षाबंधन पर भद्रा और भ्रमकता

अरुण कुमार चौबे

रक्षाबंधन का त्योहार और अधिकृत अवकाश 30 अगस्त बुधवार को है। हमारे देश के विद्वान पंडित जो शक संवत और विक्रम संवत पंचांग के आधार पर हिंदू कैलेंडर और पंचांग बनाते हैं। इनमें भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों सहित अन्य छोटे बड़े त्योहार तिथि आदि की गणना होती है कि अधिकृत तौर पर कौनसी तिथि मानी जायेगी। इसी पंचाग और साथ में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार समस्त त्योहारों का आकलन करके केंद्र सरकार और राज्य सरकार त्योहारों के अवकाश घोषित करती हैं। इसी आधार पर लोग कहीं दूर दराज जाना आना हो तो उस मान से रेल/हवाई यात्रा के टिकट आरक्षित कराते हैं। जब कोई भी त्योहार एकदम निकट आता है तब विद्वानों के द्वारा जारी किया जाता है कि अमुक त्योहार इस दिन नहीं मनाया जा सकता है क्योंकि इसका जीवन पर अशुभ प्रभाव हो सकता है। इस मति भ्रम के कारण बहुत कुछ गड़बड़ा जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार भी लगभग सारे आकलन के बाद ही जारी किया गया होगा कि इस दिन रक्षाबंधन है, अब लगभग एक दो माह से बताया जा रहा है कि 30 अगस्त रक्षाबंधन के दिन अल सुबह से लेकर रात 9 बजे बाद तक भद्रा का साया है इसलिए रक्षाबंधन की राखी बांधना वर्जित है, दूसरे दिन भी पूर्णिमा है लेकिन बताया गया है कि 31 अगस्त 2023 को सुबह 9.30 बजे तक पूर्णिमा है इसके बाद एकम तिथि शुरू हो जाएगी। अच्छा होता की राखी का त्योहार 31 अगस्त का ही घोषित किया जाता तो सभी के लिए सुविधाजनक रहता। क्योंकि राखी बांधने का क्रम श्रवण मास की पूर्णिमा से लेकर जन्माष्टमी और ऋषि पंचमी तक राखी बांधना कुल रीति के अनुसार चलता रहता है। विद्वान पंडितों से विनम्र आग्रह है कि इस वर्ष और आने वाले वर्ष के सभी त्योहारों का आकलन कर लीजिए कि कौनसा त्योहार किस दिन मनाना शुभ फलदाई है, इसके आकलन से सारे जगत को सरकार को अवगत करा दीजिए ताकि सरकार को आगामी अवकाश घोषित करने में सुविधा हो और जनसामान्य भी किसी भी प्रकार के भ्रम में नहीं रहे सरकार से भी आग्रह है कि समाचार पत्रों में अधिसूचना जारी करे कि आगामी त्योहार अधिकृत रूप से अमुक तारीख और तिथि को मनाया जाना तय यदि ज्योतिषियों पंडितों आदि को किसी भी प्रकार की आपत्ति हो तो लिखित तौर पर निर्धारित अवधि में सूचित करें ताकि जरूरत हो तो संशोधन किया जा सके। इससे समस्त देशवासियों को सुविधा होगी। धन्यवाद!