लोभ और भ्रष्टाचार मुक्त संसदीय कानून बना सत्र का सफल सदुपयोग हो

सीता राम शर्मा ” चेतन “

एक देश एक चुनाव निःसंदेह जरुरी है पर चुनाव सुधार के लिए वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या और राष्ट्रीय संकट है षड्यंत्रकारी जनविरोधी लोभ-लालच तथा मुफ्तखोरी को प्रोत्साहन देने वाली राजनीतिक घोषणाएं, जिस पर सरकार को त्वरित और पूर्ण रुपेण अंकुश लगाने के लिए ज्यादा गंभीर हो त्वरित कानून बनाने की जरूरत है । फिलहाल सिर्फ इस एक समस्या के निदान से षड्यंत्रकारी और देश विरोधी भारतीय राजनीतिक अव्यवस्था का अंत हो जाएगा । दागी, भ्रष्टाचारी और अयोग्य उम्मीदवार भारतीय राजनीति की दूसरी बड़ी समस्या हैं । तीसरी समस्या आए दिन चुनाव होना है । मोदी सरकार को दूरदर्शिता के साथ वर्तमान राष्ट्रीय राजनीतिक संकटों की इन सबसे बड़ी समस्याओं पर ज्यादा गंभीर और दूरदर्शी हो इनका स्थाई और संवैधानिक समाधान निकालना चाहिए । गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है जिससे ना सिर्फ विपक्षी दल परेशान हैं बल्कि उनकी विचलितता देख कर देश भर के लोगों में भी इस सत्र को लेकर उत्सुकता बहुत ज्यादा बढ़ गई है ! हालाकि विशेष सत्र की घोषणा के बाद सरकार ने एक देश एक चुनाव के लिए एक कमिटि का गठन कर विपक्ष और मीडिया के असमंजस को थोड़ा विराम दिया है पर सच्चाई ऐसी प्रतीत होती है कि इस विशेष सत्र में राष्ट्रीय हित के एक-दो ऐसे बड़े और गंभीर मुद्दों पर आर-पार की बहस और संवैधानिक कानूनों के निर्माण की प्रक्रिया संपन्न की जा सकती है, जो भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के बड़े आमूलचूल परिवर्तन के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगी । राष्ट्रीय हित के दृष्टिकोण से ऐसे बड़े, जरुरी और अत्यंत गंभीर मुद्दों पर आवश्यक जीवट चिंतन किया जाए तो निःसंदेह उन मुद्दों की सूची में कुछ वर्ष पूर्व तक भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति पहली बड़ी समस्या थी पर देशभक्ति के भयावह और सफल पाखंड के साथ अन्ना आंदोलन की आड़ में चतुराई से हाथ में तिरंगा और झाड़ू थाम कर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल ने बहुत कम समय में भारतीय राजनीति को लोभ-लालच और मुफ्तखोरी के कोढ़ की अत्यंत भयावह समस्या से ग्रसित कर इसे देश की पहली बड़ी समस्या बना दिया है । यदि इस पर त्वरित अंकुश नहीं लगाया गया तो लोभ-लालच और मुफ्तखोरी की यह समस्या निःसंदेह भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के साथ सामाजिक और राष्ट्रीय व्यवस्था की अराजकता की सबसे बड़ी और भयावह संकट सिद्ध होगी ।

नई संसद में मोदी सरकार के द्वारा बुलाया गया विशेष सत्र यूं तो देश को मिली स्वनिर्मित नई भव्य संसदीय इमारत और जी 20 में उसकी सफलतापूर्वक अध्यक्षता की गौरवमयी गाथा का प्रयास हो सकता था पर एक देश एक चुनाव की कमिटि बना कर मोदी सरकार ने देश की आंखों में कुछ बड़ा सोचने, देखने और करने का आत्मविश्वास भर दिया है ! जीवट, निडर, निष्पक्ष और महान नेतृत्व ही देश हित के बड़े, कठोर और निर्णायक फैसले ले सकता है, जो मोदी लेते रहे हैं । आशा है कि बुलाए गए विशेष सत्र में एक देश एक चुनाव के साथ मुफ्तखोरी और दागी, भ्रष्टाचारी मुक्त राजनीतिक व्यवस्था के बड़े और कठोर फैसले लेकर मोदी भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में बड़े सुधार की इतनी लंबी और मोटी लकीर खींच देंगे जिस पर देश सदियों तक अपनी विकास यात्रा जारी रखेगा । इन फैसलों अथवा सुधारों से विपक्षी दलों की स्थिति क्या होगी नहीं, कितनी और किस रुप में बचेगी ? यह बहुत आसानी से समझा जा सकता है !